मिशन 2024: पीडीए को जवाब देगा ओबीसी-आदिवासी-ब्राह्मण का दांव

छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के बाद अब राजस्थान के मुख्यमंत्री के चयन ने साफ़ किया भाजपा का एजेंडा

Sandesh Wahak Digital Desk : भाजपा ने चुनावी राज्यों में मिली जीत के बाद जिन नेताओं को बतौर मुख्यमंत्री कमान सौंपी। उसने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का मिशन 2024 को लेकर सियासी एजेंडा तकरीबन साफ कर दिया है। एक दिन पहले ही संदेश वाहक  ने आपको बताया था कि मध्य प्रदेश में मोहन यादव को सत्ता का मुखिया बनाने के पीछे  हिंदी पट्टी के यूपी-बिहार जैसे राज्यों में यादव वोटबैंक को अपने पाले में लाने की भाजपा की सियासी रणनीति छुपी है।

इसी के साथ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के बहाने आदिवासी और दलित वोटों को साधने की तैयारी है।  भाजपा ने जिस अंदाज में मंगलवार को राजस्थान की कमान ब्राह्मण चेहरे के तौर पर भजन लाल शर्मा को सौंपी। उसने विपक्ष के पीडीए को जवाब देने के बहाने ओबीसी-आदिवासी और ब्राह्मण के गठजोड़ के दांव की ओर साफ तौर पर इशारा किया है।

भजनलाल शर्मा को सीएम बनाकर ब्राह्मण समुदाय को साधने की कोशिश

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान तीनों राज्यों में मुख्यमंत्री के नामों के एलान में यूपी में मिशन 80 और आगामी लोकसभा चुनाव के वास्ते देशभर के लिए एक नई रणनीति की झलक साफ नजर आ रही है। भाजपा इसी के सहारे बाकी राज्यों में भी जातिगत समीकरण बिठाने की तैयारी में है। राजस्थान में भाजपा ने भजनलाल शर्मा को सीएम बनाकर ब्राह्मण समुदाय को साधने की कोशिश की है।

राजस्थान में 89 प्रतिशत हिंदू आबादी है। इनमें अनुसूचित जाति की जनसंख्या 18 प्रतिशत जबकि अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 13 प्रतिशत के आसपास है। ब्राह्मणों की जनसंख्या सात प्रतिशत के करीब है। लेकिन ये समीकरण यूपी में अपना असर इसलिए दिखायेगा क्योंकि ब्राह्मण भाजपा का कोर वोटर माना जाता है। अपने इसी ठोस वोट बैंक पर पकड़ मजबूत रखने के लिए ब्राह्मण चेहरे को भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने आगे किया है।

मूर्ति पॉलिटिक्स में अखिलेश-प्रियंका-भागवत भी पीछे नहीं

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने चित्रकूट में आदिवासी समाज की ओर से गोंड रानी वीरांगना दुर्गावती के बलिदान दिवस पर समाजवादी सरकार बनने पर इनकी प्रतिमा लखनऊ में गोमती रिवर फ्रंट पर लगाने का आश्वासन भी दिया था। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की नजरें भी आदिवासी वोटर्स पर हैं। तभी चित्रकूट में नर्मदा पूजन के बाद आदिवासी वोटर्स को साधने के लिए गोंड रानी वीरांगना दुर्गावती की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। आरएसएस भी भाजपा के साथ आदिवासी समुदाय को जोडऩे के लिए पहल में जुटा है। तभी चित्रकूट में ही आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी दुर्गावती की मूर्ति का अनावरण किया था। मूर्ति पॉलिटिक्स के सहारे वोट बैंक साधने का प्रयास हमेशा होता आया है।

यूपी के 13 जिलों में चिन्हित है आदिवासी समुदाय

अनुसूचित जनजाति में शामिल गोंड समेत अन्य समुदाय की उपस्थिति को यूपी के 13 जिलों में चिन्हित किया गया है, अन्य जिलों में भी ये मौजूद हैं। प्रदेश में आबादी को देखें तो यह चार प्रतिशत है। बुंदेलखंड के एमपी वाले हिस्से के साथ यूपी के भी कई जिलों में आदिवादी बड़ी संख्या में मौजूद हैं।

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