45 हजार मौतों का जिम्मेदार अनुच्छेद 370, जिसे मोदी सरकार ने उखाड़ फेंका : लोकसभा में बोले अमित शाह
Sandesh Wahak Digital Desk : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद के शीताकालीन सत्र के दूसरे दिन जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 व जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 को विचार तथा पारित करने के लिए लोकसभा में पेश किया। इस बाबत गृहमंत्री आज लोकसभा में जम्मू-कश्मीर आरक्षण(संशोधन) विधेयक-2023 पर सदन में अपनी बात रखी।
उन्होंने कहा, ‘मैं जो विधेयक (जम्मू-कश्मीर आरक्षण संशोधन अधिनियम 2023 और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक 2023) लेकर आया हूं, वह बिल 70 वर्षों से जिन पर अन्याय हुआ, अपमानित हुए और जिनकी अनदेखी की गई, उनको न्याय दिलाने का बिल है।’
अमित शाह ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया
कश्मीर के इतिहास पर चर्चा करते हुए अमित शाह ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा,जब ये (कश्मी पंडित) विस्थापित हुए, तो अपने ही देश में उन्हें शरणार्थी बनना पड़ा। आज के आंकड़ों के मुताबिक, 46,631 परिवार और 1,57,967 लोग अपने ही देश में विस्थापित हो गए और इस प्रकार से विस्थापित हुए कि उनकी जड़ें अपने देश और प्रदेश से उखड़ गईं। ये बिल उनको अधिकार देने का है, उनको प्रतिनिधित्व देने का है।
अमित शाह ने धारा 370 के हटने पर कहा,’जो कहते हैं क्या हुआ धारा 370 हटने से? 5-6 अगस्त, 2019 को इनकी (कश्मीरी) वर्षों से न सुनी जाने वाली आवाज को मोदी जी ने सुना और आज उनको उनका अधिकार मिल रहा है’।
कश्मीरी पंडितों को लेकर केंद्रीय मंत्री ने क्या कहा?
केंद्रीय मंत्री ने सदन में आगे कहा,”कुछ लोग पूछ रहे थे कि विस्थापित कश्मीरी पंडितों को आरक्षण देने से क्या होगा? कश्मीरी पंडितों को आरक्षण देने से कश्मीर की विधानसभा में उनकी आवाज गूंजेगी और अगर फिर विस्थापन की स्थिति आएगी तो वो उसे रोकेंगे।”
केंद्रीय मंत्री ने भारत-पाकिस्तान युद्ध और आतंकवाद का जिक्र करते हुए कहा,”एक तरह से कश्मीर में तीन युद्ध हुए! 1947 में पाकिस्तान ने कश्मीर पर आक्रमण किया; इस दौरान 31,000 से अधिक परिवार विस्थापित हुए। गौरतलब है कि 1965 और 1971 के युद्धों के दौरान 10,065 परिवार विस्थापित हुए थे। 1947, 1965 और 1969 के इन तीन युद्धों के दौरान कुल 41,844 परिवार विस्थापित हुए थे। यह विधेयक उन लोगों को अधिकार देने, उन लोगों को प्रतिनिधित्व देने का एक प्रयास है।”
राहुल गांधी पर साधा निशाना
अमित शाह ने आगे कहा कि जो लोग कहते थे कि जम्मू-कश्मीर में क्या हुआ? आप तो मूल से ही प्यारे हो, मूल के साथ संपर्क ही नहीं है, तो कैसे असफल होगा कि जम्मू कश्मीर में बदलाव क्या हुआ। इंग्लैंड में छुट्टियां मनाकर जम्मू-कश्मीर में कोई बदलाव नहीं।
आतंकवाद का जिक्र करते हुए अमित शाह ने कहा, 1994 से 2004 के दौरान 40,164 की कुल घटनाएं हुईं। 2004-14 सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह के शासन काल के दौरान 7,217 की घटनाएं हुईं। 2014 से 2023 श्री नरेंद्र मोदी सरकार के शासन काल के दौरान केवल 2,000 की कमी, 70 प्रतिशत की कमी आई है।