लखनऊ नगर निगम: हजारों शिकायतों के बोझ तले दबा लखनऊ वन एप
सभी जोनों में कुल 1634 शिकायतें लंबित, जोन-पांच व सात शिकायत निस्तारण में फिसड्डी
Sandesh Wahak Digital Desk/ Vinay Shankar Awasthi: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि राजधानी लखनऊ स्मार्ट सिटी बने। इसके लिए उन्होंने अफसरों को सख्त निर्देश दे रखे हैं। मण्डलायुक्त रोशन जैकब व नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह की निगरानी में स्मार्ट सिटी के कार्य किए जा रहे हैं। मगर, इसे नवाबों के शहर का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि अभी तक न तो शहर स्मार्ट हो सका है, और न हीं यहां के विभाग।
हम बात कर रहे है शहर के विकास की अहम भूमिका निभाने वाले लखनऊ नगर निगम की। नगर निगम के अभियंत्रण अनुभाग की कार्यप्रणाली से लखनऊ की जनता खासा नाराज है। यह हम नहीं कह रहे बल्कि स्मार्ट सिटी के तहत ‘लखनऊ वन एप’ (311 एप) के जरिए ‘आईसीसीसी लखनऊ’ (इटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर लखनऊ) पर पहुंचने वाली शिकायतों का आंकड़ा कह रहा है। जहां पूरे शहर की हजारों शिकायते लंबित हैं। इनकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है।
लंबित शिकायतों के मामले में नगर निगम जोन 5 और 7 ने तोड़े रिकार्ड
जबकि ‘आईसीसीसी लखनऊ’ पर पहुंचने वाली शिकायतों के निस्तारण के लिए मण्डलायुक्त सख्त निर्देश दिए थे। लंबित शिकायतों के मामले में नगर निगम के जोन-पांच व सात ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। शिकायतों के निस्तारण की कछुआ चाल का ही नतीजा है कि जोन-पांच की लगभग 425 व जोन-सात की 400 शिकायते महीनों से लंबित हैं।
वहीं, सभी जोनों की कुल 1634 शिकायतें लंबित हैं। इनमें सडक़,नाली, जलभराव, अतिक्रमण, मलबा उठान समेत तमाम तरह की शिकायते शामिल हैं। जिनका निस्तारण नहीं हो पा रहा है। ऐसे में सवाल यह है कि आखिर लाखों लोग स्मार्ट सिटी की लखनऊ वन एप का इस्तेमाल क्यों करेंगे। जब उनकी समस्या का समाधान ही नहीं हो रहा।
उक्त शिकायतों का आंकड़ा तो केवल बानगी भर है नगर निगम में आईजीआरएस पोर्टल के माध्यम से पहुंचने वाली शिकायतों का संज्ञान भी अफसर नहीं ले रहे है।
लंबित शिकायतों के आंकड़े
जोन संख्या
एक- 134
दो – 00
तीन- 160
चार- 190
पांच- 425
छह- 05
सात- 400
आठ- 320
जनता के काम सुस्त,कमीशन के काम में तेजी
लखनऊ वन एप पर महीनों से लंबित हजारों शिकायते इस बात की गवाही दे रही हैं कि नगर निगम के अभियंता जनहित की जगह अपने निजी स्वार्थ वाले विकास कार्यों पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। आगडऩ बनाने से लेकर बिल करने में अभिंयता इतने जूझे रहते हैं कि उनको जनता की शिकायत के निस्तारण का होश ही नहीं रहता है। सूत्रों की मानें तो ज्यादातर शिकायतों का निस्तारण बिना मौके पर गए कर दिया जाता है जिससे शिकायतों का गुणवत्ता से निस्तारण नहीं हो पाता है। ऐसे में शिकायते पुन: लंबित हो जाती हैं।
अपर नगर आयुक्त पंकज कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि संबंधित अफसरों से लंबित शिकायतों का आंकड़ा प्राप्त किया जाएगा नियमानुसार सभी का स्पष्टीकरण लिया जाएगा। जल्द ही शिकायतों का निस्तारण भी होगा।
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