लखनऊ कलेक्ट्रेट के कोषागार में करोड़ों का पेंशन घोटाला
महिला लेखाकार ने रिश्तेदारों के फर्जी खातों के जरिये हड़पी रकम, अफसरों में हड़कंप, एफआईआर दर्ज
Sandesh Wahak Digital Desk : कलेक्ट्रेट कोषागार में करोड़ों के पेंशन घोटाले का खुलासा हुआ है। घोटाले की मास्टरमाइंड कोषागार की लेखाकार है। लेखाकार रेणुका राम ने फर्जीवाड़े की पटकथा तैयार करते हुए पेंशन के करीब 1.42 करोड़ रुपए हड़प लिए। सरकारी धन के दुरुपयोग पर आदर्श कोषागार के कोषाधिकारी ने कैसरबाग कोतवाली में रेणुका के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। घोटाले का दायरा और भी बढ़ सकता है।
सिद्धार्थनगर निवासी रेणुका राम वर्तमान में डालीगंज कुतुबपुर में रहती है और वर्तमान में जवाहर भवन स्थित कोषागार से संबद्ध हैं। पेंशन और पारिवारिक पेंशन से जुड़े मामलों की जिम्मेदारी लेखाकार रेणुका की है। सितंबर 2014 में पहले पीएनबी, फिर 20 जून 2017 को इंडियन ओवरसीज बैंक की पेंशन के भुगतान की जिम्मेदारी इसकी थी।
खातों में फर्जी पीपीओ नम्बर के जरिए भेजी गई पेंशन
आरोपी महिला लेखाकार ने दोनों बैंकों में भतीजे विशाल, चचेरी बहन गुलभी, चाची रामरती के साथ प्रतींद्र कश्यप के नाम से भी खाता खुलवाया। इन खातों में फर्जी पीपीओ नम्बर के जरिए पेंशन और पारिवारिक पेंशन भेजी जाने लगी।
बड़े अफसरों को शक होने पर प्रारम्भिक जांच शुरू हुई। जीवन प्रमाण पत्र पर दर्ज पते 6/22 विपुल खंड पर पहचान अभिलेखों के साथ सत्यापन के लिए विशाल नहीं आया। फर्जीवाड़े का खुलासा होने पर विशाल के खाते को फ्रीज कराया गया। इसके बाद जांच टीम इसके पैतृक निवास महाराजगंज पहुंची। जहां विशाल ने बताया कि उसे कोई पेंशन नहीं मिली और आवेदन भी नहीं किया था।
उसके मुताबिक चचेरी मौसी रेनू पत्नी अनिल निवासी डालीगंज ने करीब आठ साल पहले आधार कार्ड की कॉपी व फोटो लेते हुए पेपर पर दस्तखत कराये थे। उसके बाद से वह कभी लखनऊ नहीं गया। विशाल की पारिवारिक पेंशन की शुरुआत इंडियन ओवरसीज बैंक हजरतगंज में की गई थी। बैंक से जब खाते की जानकारी ली गई तो वह किसी प्रतींद्र कश्यप निवासी कैसरबाग के नाम पर मिला।
सीटीओ ने दिये सभी पेंशनरों और बैंकों की जांच के आदेश
घोटाले के खुलासे के बाद सीटीओ ने सभी पेंशनरों की जांच के आदेश दिए हैं। पीएनबी, इंडियन ओवरसीज के अलावा उन बैंकों की भी जांच शुरू हुई है, जिसमें उत्तर प्रदेश के लाखों रिटायर्ड कर्मियों को पेंशन आती है।
फर्जी पीपीओ नम्बर जारी करके किया गबन: कोषाधिकारी
कलेक्ट्रेट में कोषाधिकारी राहुल सिंह ने बताया कि पेंशनर विशाल की चचेरी मौसी रेणुका सिंह हैं। नामजद आरोपी विशाल, गुलभी, रामरती और रेणुका राम रिश्तेदार हैं। रेणुका द्वारा रिश्तेेदारों के नाम से खाते खुलवाकर फर्जी पीपीओ नम्बर के जरिये 1.42 करोड़ का गबन किया गया। निदेशक कोषागार सेे शिकायत के बाद प्रारंभिक जांच में फर्जीवाड़ा खुलने पर केस दर्ज कराया गया है। इंस्पेक्टर सुधाकर सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
बड़े अफसरों तक आएगी आंच, बढ़ेगा घोटाले का दायरा
लखनऊ कलेक्ट्रेट के कोषागार में सामने आए पेंशन घोटाले की जांच के दायरे में बड़े अफसर भी आ सकते हैं। पूर्व में कई जिलों में पेंशन फर्जीवाड़ा सामने आ चुका है। अंदेशा है कि इसी तरह कई प्रकरणों में भी करोड़ों का पेंशन घोटाला अंजाम दिया गया होगा। गहराई से जांच में खुलासा हो सकता है।