टनल हादसा: ऑगर मशीन के ब्लेड सुरंग में फंसे, श्रमिकों और रिश्तेदारों की बढ़ी चिंता

Sandesh Wahak Digital Desk : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में 13 दिन से फंसे 41 श्रमिकों को निकालने के लिए ‘ड्रिल’ करने में इस्तेमाल की जा रही ऑगर मशीन के ब्लेड मलबे में फंस गए हैं।

धामी ने संवाददाताओं को बताया कि ब्लेड के एक हिस्से को काट दिया गया है और बाकी काम पूरा करने के लिए हैदराबाद से एक प्लाज्मा कटर हवाई मार्ग से लाया जा रहा है। मुख्यमंत्री बचाव अभियान में आई नई बाधा के बारे में संवाददाताओं को जानकारी दे रहे थे।

छह इंच के पाइप से हो रही श्रमिकों और रिश्तेदारों के बीच बातचीत

इस बीच आ रही बाधाओं को लेकर सुरंग में फंसे श्रमिकों और उनके परिजनों को अब चिंता सताने लगी है। फंसे हुए श्रमिकों और उनके रिश्तेदारों के बीच बातचीत छह इंच चौड़े पाइप के माध्यम से हो रही है। इस पाइप के माध्यम से एक एंडोस्कोपिक कैमरा भी डाला गया है। जिससे बचावकर्मियों और फंसे व्यक्ति के रिश्तेदारों को अंदर की स्थिति देखने को मिली। बचावकर्मी अब फंसे श्रमिकों के लिए बाहर का रास्ता बनाने के लिए मलबे के बीच एक चौड़ा पाइप डालने की कोशिश कर रहे हैं।

सुरंग के टूटे हुए हिस्से में ड्रिलिंग शुक्रवार से रोक दी गई क्योंकि ऑगर मशीन को एक के बाद एक बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। मौके पर मौजूद एक सुरंग विशेषज्ञ ने शनिवार को कहा कि मशीन टूट गई है।बचावकर्ता अब अन्य विकल्प तलाश रहे हैं जैसे कि 10 से 12 मीटर के शेष हिस्से को हाथ से ड्रिलिंग करना या अंदर फंसे 41 मजदूरों के लिए एक लंबवत मार्ग बनाना।

चारधाम यात्रा मार्ग पर बन रही सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था, जिससे उसमें काम कर रहे श्रमिक मलबे के दूसरी ओर फंस गए थे। तब से विभिन्न एजेंसियां उन्हें बाहर निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव अभियान चला रही हैं।

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