Voice of Global South Summit में बोले PM मोदी, भारत में होगा Artificial ग्लोबल पार्टनरशिप समिट का आयोजन
Voice of Global South Summit : आज दूसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट (Voice of Global South Summit) के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत का मानना है कि नई तकनीक से ग्लोबल नॉर्थ और ग्लोबल साउथ के बीच अंतर नहीं बढ़ना चाहिए। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दौर में यह जरूरी है कि टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल जिम्मेदारी से किया जाए। इसे और बढ़ावा देने के लिए अगले महीने भारत ArtificiaI ग्लोबल पार्टनरशिप समिट का आयोजन करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा कि हमने जनवरी में पहली बार वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ का आयोजन किया। भारत के विभिन्न राज्यों में 200 से अधिक जी20 बैठकें हुईं, हमने ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं को प्रमुखता दी। उन्होंने आगे कहा कि परिणामस्वरूप, ग्लोबल साउथ के विषयों को नई दिल्ली लीडर्स डिक्लेरेशन में शामिल किया गया और हम सभी की सहमति प्राप्त करने में सफल रहे। मैं उस ऐतिहासिक क्षण को नहीं भूल सकता जब भारत के प्रयासों से अफ़्रीकी संघ को G20 की स्थायी सदस्यता मिली थी।
पश्चिम एशिया क्षेत्र की घटनाओं से नई चुनौतियां उभर रही
PM मोदी ने आगे कहा कि हम सभी देख रहे हैं कि पश्चिम एशिया क्षेत्र की घटनाओं से नई चुनौतियां उभर रही हैं। भारत ने इजरायल में 7 अक्टूबर को हुए आतंकवादी हमले की निंदा की है। हमने संयम भी बरता है। हमने बातचीत और कूटनीति पर जोर दिया है। हम इजरायल और हमास के बीच संघर्ष में नागरिकों की मौत की भी कड़ी निंदा करते हैं। हमने फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से बात करने के बाद मानवीय सहायता भी भेजी है। यही वह समय है जब ग्लोबल साउथ के देशों को व्यापक वैश्विक भलाई के लिए एकजुट होना चाहिए।
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