UP: प्रदेश में करोड़ों के नए पुलों के निर्माण में झलक रहीं भ्रष्टाचार की दरारें
सीएम योगी के हाथों जिन पुलों का हुआ उद्घाटन, अफसरों ने उन्हें भी नहीं बख्शा
Sandesh Wahak Digital Desk : जिन योजनाओं का लोकार्पण मुख्यमंत्री योगी करते हैं। उसमें भी भ्रष्टाचार की दरारें झलकने लग जाएं तो इसे क्या कहा जाये। प्रयागराज में यूपी और एमपी को जोड़ने के लिए बनाए गए नए पुल में दरार की खबरों ने जैसे ही सुर्खियां बटोरी, तत्काल सेतु निगम ने खंडन जारी कर दिया। सिक्के का दूसरा पहलू यह है कि पुलों और सड़कों में घटिया निर्माण के मामलों ने पहले भी खूब सुर्खियां बटोरी हैं।
सोमवार को प्रयागराज में मुख्यमंत्री योगी ने 2025 में होने वाले महाकुंभ की तैयारियों को देखते हुए टोंस नदी के ऊपर 62.56 करोड़ की लागत से बने पुल का लोकार्पण किया था। विपक्ष के आरोपों के मुताबिक उद्घाटन के महज दस घंटों के भीतर ही पुल पर दरार दिखाई देने लगी। पुल पर पैदल मार्ग और लोहे की रेलिंग के बीच दरार के अलावा ज्वाइंट वाले स्थान पर सडक़ दब गई है।
वाराणसी पुल हादसे में हुई थी करीब 18 मौतें
एमएनआईटी के विशेषज्ञों से पुल की जांच की बात भी कही जा रही है। ऐसा लगता है कि करोड़ों के पुलों का निर्माण भ्रष्टाचार की निर्माण सामग्री से कराया जा रहा है। सबसे प्रमुख मामला तो पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में हुए वाराणसी पुल हादसे का है। 2018 में इस दर्दनाक हादसे में तकरीबन डेढ़ दर्जन लोगों की मौत हो गई थी।
तत्कालीन सेतु निगम के एमडी राजन मित्तल समेत सात इंजीनियरों को दोषी ठहराया गया था। 129 करोड़ के इस पुल में अफसरों ने खूब घटिया निर्माण किया था। कई इंजीनियरों की गिरफ्तारी भी हुई। फिर भी सेतु निगम के अफसरों ने अपना रवैया नहीं बदला। उस दौरान मित्तल को निर्माण निगम के एमडी का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया था। फरवरी 2018 में मथुरा के जिस यमुना पुल का उद्घाटन खुद मुख्यमंत्री योगी ने किया था। उसमें भी बड़ी दरार के साथ गड्ढे हो गए थे।
मथुरा में 90 करोड़ के यमुना पुल में भी आईं थी दरारें
करीब 90 करोड़ के पुल में दरार आने के बावजूद अफसरों पर कार्रवाई करना गंवारा नहीं समझा गया। दो साल पहले केंद्रीय मंत्री व जालौन के सांसद भानु प्रताप सिंह वर्मा ने उरई के कोंच मार्ग तक बनने वाले 17 करोड़ के पुल के निर्माण में भ्रष्टाचार की शिकायत केशव मौर्या से की थी। बाद में शिकायत वाला ट्वीट सुनवाई होने की बात कहकर उन्होंने डिलीट कर दिया। इसी तरह सितंबर 2021 में गोंडा-लखनऊ हाइवे पर सरयू नदी के ऊपर बना पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया था।
टोंस नदी पर बने पुल पर गड़बड़ी की खबर निराधार: सेतु निगम
टोंस नदी पर बने नवनिर्मित पुल पर उद्घाटन के दिन ही गड़बड़ी आने की खबर का पूरी तरह से खंडन करते हुए सेतु निगम के मुख्य परियोजना प्रबंधक मनोज अग्रवाल ने बुधवार को कहा कि यह पुल निर्बाध रूप से चालू है। अग्रवाल ने बताया कि प्रयागराज को रीवा से जोड़ने वाले इस पुल पर नीचे की ओर मिट्टी बैठ गई थी जिसे मंगलवार को दुरुस्त कर दिया गया।
भ्रष्टाचार के कमजोर स्तंभों पर मज़बूत पुल कैसे बनेंगे : अखिलेश
मुख्यमंत्री के हाथों लोकार्पण के दस घंटे के अंदर ही पुल में दरार आने पर विपक्षी पार्टियां भी योगी सरकार पर हमलावर हो गई हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बुधवार को हमला करते हुए कहा कि प्रयागराज में मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटित पुल का 10 घंटे में ही दरक जाना एक गंभीर विषय है, जबकि कुंभ मेले का समय पास आता जा रहा है। भ्रष्टाचार के कमजोर स्तंभों पर मज़बूत पुल कैसे बन सकते हैं? गुजरात में भी ऐसा ही हुआ था। जन-जीवन की सुरक्षा के लिए आग्रह है, गुजरात का विकास मॉडल यहां न लगाया जाए।
Also Read : मंडी परिषद : दागी अफसरों की पदोन्नति कराने की साजिश फेल