फर्जी आवेदकों के सहारे छात्रवृत्ति हड़पने का खेल, सुधरने को तैयार नहीं शिक्षण संस्थान
केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय को रिपोर्ट भेजेगी यूपी सरकार
Sandesh Wahak Digital Desk : यूपी में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति को डकारने के खेल पर शिकंजा कसता नहीं नजर आ रहा है। सीबीआई और ईडी भी यूपी में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति हड़पने के घोटाले की जांच कर रही है। इसके बावजूद फर्जी आवेदकों का रास्ता अख्तियार करने से शिक्षण संस्थानों को तनिक भी परहेज नहीं है।
केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय को यूपी सरकार जो रिपोर्ट भेजने जा रही है। उसके मुताबिक उत्तर प्रदेश में केंद्रीय अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति के 14 हजार आवेदक फर्जी निकले हैं। जिन संस्थानों ने इन छात्रों का डाटा आगे भेजा, गर्दन फंसते देख ऐसे शिक्षण संस्थानों ने इन्हें अपना छात्र मानने से ही इन्कार कर दिया है। राज्य अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की रिपोर्ट के बाद केंद्र द्वारा संबंधित शिक्षण संस्थानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आसार नजर आ रहे हैं।
छात्रों का बॉयोमीट्रिक सत्यापन कराने के निर्देश
केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय ने वर्ष 2022-23 में छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए आवेदन करने वाले छात्रों का बॉयोमीट्रिक सत्यापन कराने के निर्देश सभी राज्यों को दिए थे। शुरुआती जांच में गड़बडिय़ां मिलने पर यह निर्णय लिया गया था। उत्तर प्रदेश में वित्त वर्ष 2022-23 में 359659 छात्रों ने आवेदन किया था।
राज्य अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, बॉयोमीट्रिक सत्यापन के दौरान 17473 छात्रों का नाम आधार में दिए गए नाम से अलग मिला। 11377 छात्रों का आधार सत्यापन फेल हो गया। 93 आवेदकों की मृत्यु हो गई। मोबाइल नंबर अपडेट होने या नाम बदलने के कारण 8466 आवेदकों का डाटा मिसमैच हुआ। 2510 आवेदनों में आधार का विकल्प नहीं मिला। जबकि, 41468 आवेदकों ने बाहर चले जाने के कारण सत्यापन में रुचि नहीं ली। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि करीब 14 हजार आवेदक फर्जी मिले हैं। इनका सत्यापन न हो पाने की वाजिब वजह संस्थान नहीं बता सके।
सीबीआई ने अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाले में दर्ज किया था केस
सीबीआई ने इसी वर्ष अगस्त में अरबों के अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाले में केस दर्ज किया था। जिसमें 830 फर्जी संस्थानों के इस योजना का लाभ लेने का आरोप है। इस घोटाले से मंत्रालय को 144 करोड़ का नुकसान हुआ है। सौ जिलों में 21 राज्यों के 1572 संस्थानों में 830 संस्थान पूरी तरह से फर्जी पाए गए हैं। लगभग 53 प्रतिशत फर्जी अभ्यर्थी मिले हैं। ऐसे संस्थानों की सबसे अधिक तादाद उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में है। यूपी के 154 संस्थान इस सूची में हैं। इस कारोबार में बैंक और राज्य प्रशासनिक इकाइयां भी लिप्त हैं।
मनी लान्ड्रिंग : छात्रवृत्ति घोटाले में अफसरों पर मेहरबान ईडी
दूसरे मामले में हाइजिया ग्रुप के संचालकों की मदद से फर्जी बैंक खाते खोलकर छात्रवृत्ति की अरबों की रकम हड़पने का बड़ा घोटाला सामने आया था। जिसमें ईडी मनीलांड्रिंग की जांच कर रही है। खेल में दर्जनों कॉलेज शामिल हैं। ईडी ने एक खिलाड़ी समेत कई आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है। ईडी की पूछताछ में म के चेयरमैन रामगोपाल ने कई बड़े अफसरों के नाम भी कबूले थे। अभी तक अफसरों पर ईडी का कोई शिकंजा नहीं कसा है।
Also Read : हवा में निर्माण किया, खातों में भुगतान हुआ