लखनऊ नगर निगम : अफसर सोते रहे, हाउस टैक्स के चेक बाउंस होते रहे

बीकानेर वाला रेस्टोरेंट सील होने पर उजागर हुआ निरीक्षक की मिलीभगत का मामला

Sandesh Wahak Digital Desk : नगर निगम ठन-ठन गोपाल है, न तो विकास कार्यों के लिए बजट है, न ही ठेकेदार-कर्मचारियों का बकाया चुकाने की रकम है। फिर भी नगर निगम अपनी आमदनी के मुख्य स्रोत हाउस टैक्स वसूली को लेकर लापरवाह है। अफसर टैक्स वसूली की मीटिंग में रणनीति तय करते हैं, मगर राजस्व निरीक्षक सारी मेहनत पर पानी फेर रहे हैं। नतीजन करोड़ों की वसूली ठप है।

इसका ताजा उदाहरण जोन-सात से सामने आया है। जहां बुधवार को जोनल अधिकारी प्रज्ञा सिंह के नेतृत्व में भूतनाथ मार्केट स्थित हाउस टैक्स के बड़े बकाएदार बीकानेर वाला रेस्टोरेंट पर सीलिंग की कार्रवाई की। कार्रवाई के दौरान खुलासा हुआ कि रेस्टोरेंट मालिक व राजस्व निरीक्षक उदय त्रिपाठी की मिलीभगत के चलते हाउस टैक्स की रकम जमा नहीं की जा रही थी।

रेस्टोरेंट के खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई

हर बार खाते में रकम न होने के बावजूद चेक देकर नगर निगम अफसरों को गुमराह किया जा रहा था। दो साल से कंपनी की ओर से दी जा रही चेक लगातार बाउंस हो जा रहीं थीं। मामला जब जोनल अधिकारी के संज्ञान में आया तो बुधवार को वो खुद रेस्टोरेंट के खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई करने पहुंचीं। सुबह करीब साढ़े सात बजे रेस्टारेंट सील कर दिया गया।

कार्रवार्ई से हंगामा मचा तो अफसरों के पास कई सिफारिशी फोन घनघनाने लगे। मगर बात नहीं बनी तो रेस्टोरेंट के मालिक को 4,87000 रुपए का भुगतान करना पड़ा। वहीं, 15 मार्च तक पूरा टैक्स चुकाने की शर्त पर सील खोली गई। बता दें कि बीकानेर वाला रेस्टोरेंट का वार्षिक टैक्स लगभग 365000 रुपए है। पिछले तीन साल से पूरा टैक्स न चुकाने के चलते रेस्टोरेंट पर नगर निगम का बकाया टैक्स 881000 हो गया था।

खिलाड़ी राजस्व निरीक्षक को हटाया

बीकानेर रेस्टारेंट से टैक्स वसूली न करने और मिलीभगत के आरोप में राजस्व निरीक्षक उदय त्रिपाठी को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है उनके स्थान पर राजस्व निरीक्षक पल्लवी अस्थाना को जिम्मेदारी मिली है। सूत्र के अनुसार सीलिंग की कार्रवाई के दौरान भी जोनल अधिकारी ने वार्ड के निरीक्षक उदय त्रिपाठी को भनक नहीं लगने दी।

आठ बार बाउंस हुई कंपनी की चेक

बीकानेर वाला रेस्टोरेंट की कंपनी की ओर से वर्ष 2022 में जुलाई व सितंबर माह में दो चेक दी गई । इसी तरह वर्ष 2023 में जनवरी, फरवरी, जुलाई व सितंबर में एक-एक कर छह चेक दी गईं वो सभी बाउंस हो गई। मगर, अफसरों ने कोई विधिक कार्रवाई नहीं की। हालांकि, कंपनी की ओर से नगर निगम को क्षमा याचना पत्र लिखकर दोबारा चेक बाउंस न होने का वादा किया गया है।

खंगाला जा रहा चेक बाउंस का डाटा

नगर आयुक्त ने बीते कुछ दिन पूर्व चेक बाउंस के मामलों में सख्ती बरतने के आदेश दिए थे। इसी क्रम में बीकेानेर वाला रेस्टोरेंट के खिलाफ कार्रवाई देखने को मिली। बीकानेर वाला रेस्टारेंट का मामला उजागर होने के बाद नगर निगम में उन बकाएदारों का डाटा खंगाला जा रहा है जिनके चेक कई बार बाउंस हो चुके हैं।

नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने बताया कि ऐसे भवन स्वामियों को चिन्हित कर लागतार कार्रवाई की जाएगी। वहीं जोनल अधिकारी प्रज्ञा सिंह ने कहा कि आवश्यकता पड़ी तो दूसरे वार्ड के राजस्व निरीक्षकों के माध्यम से सीलिंग की कार्रवाई की जाएगी। जिससे किसी प्रकार की पूर्व सूचना भवन स्वामी को न हो पाए।

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