MP Assembly Elections: कांग्रेस ने एमपी में बदले अपने 4 उम्मीदवार, जानिए किसका कटा टिकट?
MP Assembly Elections: : कांग्रेस ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को चार सीटों पर अपने उम्मीदवार बदल दिए। पार्टी की ओर से जारी नए उम्मीदवारों की सूची के अनुसार, सुमावली विधानसभा क्षेत्र से कुलदीप सिकरवार के स्थान पर अजब सिंह कुशवाहा, पिपरिया से गुरू चरण खरे के स्थान पर वीरेंद्र बेलवंशी, बड़नगर से राजेंद्र सिंह सोलंकी के स्थान पर मुरली मोरवाल और जावरा से हिम्मत श्रीमल के स्थान पर वीरेंद्र सिंह सोलंकी को टिकट दिया गया है।
कांग्रेस ने इससे पहले तीन बार में प्रदेश की सभी 230 सीटों के लिए उम्मीदवार घोषित किए थे। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के तहत सभी 230 सीटों के लिए 17 नवंबर को मतदान होगा, जबकि मतगणना तीन दिसंबर को की जाएगी।
दो विधायकों को फिर से टिकट
कांग्रेस ने जिन सीटों पर प्रत्याशी बदले हैं। उनमें दो विधायकों को फिर से टिकट दिया है। पार्टी ने सुमावली विधानसभा सीट पर विधायक अजब सिंह कुशवाहा को फिर से प्रत्याशी बनाया है। पहले अजब सिंह का टिकट काट दिया गया था। अजब सिंह बसपा से चुनाव लड़ने की तैयारी में थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें फिर से मौका दे दिया है। इसी तरह से उज्जैन जिले की बड़नगर विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने विधायक मुरली मोरवाल को फिर से प्रत्याशी बनाया है। मुरली मोरवाल भी निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुके थे। ऐसे में पार्टी ने टिकट देकर एक तरह से बगावत को रोका है।
अब तक सात प्रत्याशी बदल चुकी कांग्रेस
टिकट वितरण के बाद उपजे विरोध के चलते कांग्रेस को अब तक सात सीटों पर प्रत्याशी बदलने पड़े हैं। पार्टी ने दूसरी सूची में तीन सीटों गोटेगांव, दतिया और पिछोर में प्रत्याशी बदले थे। जबकि अब सुमावली, पिपरिया, बड़नगर और जावरा में प्रत्याशी बदले हैं। मतलब पार्टी ने अब तक सात सीटों पर प्रत्याशी बदले हैं। जबकि पार्टी मंडला जिले की निवास सीट पर प्रत्याशियों की अदला बदली कर चुकी है।
खास बात यह है कि कांग्रेस की प्रॉब्लम अभी भी पूरी तरह से दूरी होती नजर नहीं आ रही है। पार्टी ने भले ही सात सीटों पर प्रत्याशी बदल दिए हैं, लेकिन अभी भी आमला और शिवपुरी विधानसभा सीट पर पेंच फंसा हुआ है। डिप्टी कलेक्टर रही निशा बांगरे का इस्तीफा स्वीकार होने के बाद वह इस सीट से टिकट की मांग कर रही है। जबकि कांग्रेस यहां से मनोज मालवे को उतार चुकी है। ऐसे में कांग्रेस यहां भी फंसी नजर आ रही है। जबकि शिवपुरी में कांग्रेस ने सीनियर विधायक केपी सिंह को टिकट दिया है। जबकि केपी सिंह अपनी परंपरागत पिछोर सीट से ही चुनाव लड़ते रहे हैं। जिससे यहां भी मामला फंसा हुआ है।
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