UP Police Recruitment : भर्ती में आरक्षण पर आया बड़ा अपडेट, हाईकोर्ट ने दिया ये आदेश
UP Police Recruitment 2023 : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड को एक ओबीसी उम्मीदवार की नियुक्ति एक माह के अंदर में करने का आदेश दिया है। दरअसल, सिपाही भर्ती परीक्षा-2015 में बैठे ओबीसी उम्मीदवार को बोर्ड ने सामान्य श्रेणी का मानकर आरक्षण का लाभ देने से इनकार कर दिया था, जिसके कारण उसकी नियुक्ति रूक गई। उम्मीदवार की ओर से बोर्ड के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई, जिस पर शुक्रवार को फैसला आया।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अगर अभ्यर्थी ने ऑनलाइन आवेदन में विज्ञापन की शर्तों के मुताबिक जाति प्रमाण पत्र का विवरण अंकित किया है और निर्धारित कटऑफ से अधिक अंक अर्जित किए हैं, तो उसे ओबीसी आरक्षण के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता है। भले ही अभ्यर्थी की ओर से पुरानी तारीख का अतिरिक्त जाति प्रमाण पत्र भी दाखिल किया गया हो। जस्टिस अजीत कुमार की सिंगल बेंच ने यह आदेश दिया।
याचिकाकर्ता के वकील सुनील यादव ने बताया कि ओबीसी अभ्यर्थी श्रीकांत कुशवाहा ने चयन प्रक्रिया के दौरान आरक्षण का दावा करते हुए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के दो जाति प्रमाण पत्र दाखिल किए थे। एक जाति प्रमाण पत्र का विवरण विज्ञापन के अनुरूप था और दूसरा प्रदेश सरकार द्वारा जारी एक अतिरिक्त जाति प्रमाण पत्र भी दाखिल किया गया था।
इसके आधार पर उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड द्वारा याची (ओबीसी अभ्यर्थी श्रीकांत कुशवाहा) को सामान्य श्रेणी का अभ्यर्थी मानकर ओबीसी आरक्षण के लाभ से वंचित कर दिया गया, जिसके कारण ओबीसी कटऑफ से अधिक नंबर लाने के बावजूद याची को असफल घोषित किया गया।
Samajwadi सरकार के दौरान हुई थी परीक्षा
बता दें कि साल 2015 में सपा सरकार के दौरान 34716 सिपाहियों की भर्ती के लिए वेकेंसी निकाली गई थी। परीक्षा भी उसी दौरान हुई थी। 2017 में सरकार बदलने के बाद इसके परिणाम लटक गए। हाईकोर्ट के दखल के बाद मई 2018 में द उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने इन पदों के लिए हुई भर्ती परीक्षा के परिणाम जारी किए थे।