आजम परिवार को मिली सजा पर यूपी में सियासत तेज, ओपी राजभर बोले- सपा की तानाशाही…
UP Politics : यूपी के रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने फर्जी प्रमाण पत्र मामले में आजम खान, उनकी पत्नी तंजीम फात्मा और बेटे अब्दुल्ला आजम को 7-7 साल की सजा सुनाई है। तो वहीं अब इसको लेकर यूपी में सियासत तेज हो गई है। लोकसभा चुनाव से पहले आजम खान परिवार की सजा समाजवादी पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
इस संकट के समय समाजवादी पार्टी आजम परिवार के साथ एकजुट होकर खड़ी है। तो वहीं बीजेपी इसे आजम खान के गलत कामों का परिणाम बता रही है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओपी राजभर ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
तीनों को 7-7 वर्ष की सजा
बता दें कि 2019 के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम खान, पत्नी तंजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला आजम को 7-7 साल की सजा मिली है। सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि अदालत के फैसले का सभी सम्मान करते हैं। ठीक उसी तरह हमें भी अदालत का फैसला स्वीकार है। जहां तक आजम खान का सवाल है तो उन्हें ऊपरी अदालत में आवेदन करने का मौका है। ओपी राजभर ने कहा कि मामले में अदालत ने कानून का उल्लंघन पाया है। इसलिए फैसले का सभी को सम्मान करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की तानाशाही और गुंडागर्दी के चलते ये जातीय प्रमाण पत्र बनवाया गया होगा। गलती है, गलती को स्वीकार करना चाहिए। अदालत में क्या जाति धर्म के आधार पर फैसले आते हैं? जो रिपोर्ट न्यायालय में जाती है उसी आधार पर फैसले होते हैं।
फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के मुकदमे में अदालत का बड़ा फैसला
पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के खिलाफ दो जन्म प्रमाण पत्र का मामला 2019 में दर्ज कराया गया था। गंज थाने में मुकदमा दर्ज करवाने वाले बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना थे। उन्होंने आजम खान और पत्नी तंजीन फातिमा को भी आरोपी बनाया था। पुलिस ने विवेचना के बाद चार्जशीट दाखिल कर दी थी। बुधवार को मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने पिता, मां और बेटे को दोषी माना। सजा की घोषणा के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि आजम खान को मुसलमान होने की सजा मिली है। उनके खिलाफ साजिश और षड़यंत्र किया गया है।
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