साल में दो बार 10वीं, 12वीं की बोर्ड परीक्षा देना जरूरी नहीं, शिक्षा मंत्री ने बताई ये बड़ी वजह
UP Board Exam: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि विद्यार्थियों के लिए कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षा (UP Board Exam) में साल में दो बार शामिल होना अनिवार्य नहीं होगा। एकल अवसर के डर से होने वाले तनाव को कम करने के उद्देश्य से यह विकल्प पेश किया जा रहा है।
प्रधान ने एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि ‘डमी स्कूलों’ के मुद्दे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और इस पर गंभीर चर्चा करने का समय आ गया है।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के पास इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई की तरह ही साल में दो बार कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षा (UP Board Exam) में बैठने का विकल्प होगा। वे परीक्षा में अपना सर्वश्रेष्ठ स्कोर चुन सकते हैं… लेकिन यह पूरी तरह से वैकल्पिक होगा, इसे लेकर कोई बाध्यता नहीं होगी।
विद्यार्थी अकसर यह सोचकर तनावग्रस्त हो जाते हैं कि उनका एक साल बर्बाद हो गया, उनका मौका चला गया या वे बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे… एकल अवसर के डर से होने वाले तनाव को कम करने के लिए यह विकल्प पेश किया जा रहा है।
विद्यार्थियों के लिए ये नया नियम
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि यदि किसी विद्यार्थी को लगता है कि वह पूरी तरह से तैयार है। परीक्षा के पहले सेट में प्राप्तांक से संतुष्ट है। तो वह अगली परीक्षा में शामिल न होने का विकल्प चुन सकता है तथा कुछ भी अनिवार्य नहीं होगा।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा अगस्त में घोषित नयी पाठ्यचर्या की रूपरेखा (एनसीएफ) के अनुसार, बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विद्यार्थियों के पास अच्छा प्रदर्शन करने के लिए पर्याप्त समय और अवसर हो। उन्हें सर्वश्रेष्ठ स्कोर बनाए रखने का विकल्प मिले।
प्रधान ने कहा कि साल में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करने की योजना पर उन्हें विद्यार्थियों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।
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