जल्द शुरू होगी ई-कॉमर्स कंपनियों की मेगा सेल, जान लें बेहतर गणित
Sandesh Wahak Digital Desk : इस बार फ्लिपकार्ट की बिग बिलियन डेज सेल 8 अक्टूबर से शुरू हो रही है, यह 15 अक्टूबर 2023 तक चलेगी। इसके साथ ही अमेजन की भी ग्रेट इंडियन फेस्टिवल सेल 8 अक्टूबर से ही शुरू हो रही है। जहाँ सेल में 90% तक डिस्काउंट देने का दावा किया जा रहा है। ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल होगा कि आखिर ये कंपनियां इतना डिस्काउंट कैसे ऑफर करती हैं? कंपनियां फेस्टिव सीजन में कितनी सेल्स करती हैं? क्या ये सेल सच में ग्राहकों के लिए फायदेमंद है?
इन सारे सवालों के जवाब आपको आगे मिलने वाले हैं…
वहीं डिस्काउंट के गणित को समझने से पहले यह समझना होगा कि फ्लिपकार्ट और अमेजन काम कैसे करते हैं? आपको बता दें कि यह कंपनियां इंटरमीडियरी की तरह हैं जो वेंडर्स और कस्टमर्स को अपने प्लेटफॉर्म के जरिए जोड़ती हैं। ये कंपनियां वेंडर्स को अपनी वेबसाइट के जरिए सामान बेचने के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराती हैं और बदले में बिक्री पर कमीशन लेती हैं। इसके साथ ही किसी भी कंपनी की सेल का मकसद सेल्स वॉल्यूम बढ़ाना होता है। इससे कस्टमर बेस बढ़ता है। आप 2016 को याद करें, जब जियो पूरे भारत में फ्री में 4G इंटरनेट दे रहा था।
हर कोई सिम की लाइन में लगा था। ज्यादा से ज्यादा ग्राहक हासिल करने की ये जियो की स्ट्रैटजी थी। इसी तरह अमेजन-फ्लिपकार्ट भी ग्राहकों को अट्रैक्ट करने के लिए भारी डिस्काउंट देती हैं। 80-90% डिस्काउंट देने में प्लेटफॉर्म-वेंडर दोनों का रोल होता है। सेल के दौरान प्लेटफॉर्म्स अपना कमीशन कम कर देते हैं। वहीं वेंडर के रोल को कपड़ों के उदाहरण से समझते हैं। बड़े ब्रांड हर साल डिस्काउंट देकर पुराने स्टॉक को क्लियर करने की कोशिश करते हैं, लेकिन अपनी ब्रांड आइडेंटिटी बनाए रखने के लिए एक लिमिट तक ही डिस्काउंट दे पाते हैं।
वहीं इन स्थितियों में एक लिक्विडेटर कंपनी से रिटेल प्राइस के 20-30% पर बड़ा स्टॉक खरीद लेता है। इसके बाद वो इसे छोटे मार्जिन पर सेल के लिए रख देता है। इसमें कोई शक नहीं कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स कई प्रोडक्ट घाटे में बेचते हैं, लेकिन वो जानते हैं कि एक बार जब ग्राहक उनसे उत्पाद खरीदने के आदी हो जाएंगे, तो लंबे समय में वो प्रॉफिट बना सकेंगे।
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