Caste Census: बिहार में जारी हुई जातिगत गणना की रिपोर्ट, CM नीतीश ने टीम को दी बधाई
Bihar Caste Based Survey: गांधी जयंती (2 अक्टूबर) के मौके पर बिहार में जातिगत गणना की रिपोर्ट जारी कर दी गई. बिहार सरकार के अपर मुख्य सचिव विवेक सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जाति आधारित गणना का डेटा प्रस्तुत किया. वहीं, ट्वीट के माध्यम से बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने जाति आधारित गणना के कार्य में कार्यरत टीम को बधाई दी है. बता दें कि जातिगत गणना को लेकर बिहार में खूब बवाल मचा था. ये मामला हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था.
नीतीश कुमार का ट्वीट
अपने आधिकारिक एक्स (ट्विटर) हैंडल से पोस्ट करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने लिखा कि ‘आज गांधी जयंती के शुभ अवसर पर बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित कर दिए गए हैं. जाति आधारित गणना के कार्य में लगी हुई पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई! जाति आधारित गणना के लिए सर्वसम्मति से विधानमंडल में प्रस्ताव पारित किया गया था. बिहार विधानसभा के सभी 9 दलों की सहमति से निर्णय लिया गया था कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराएगी एवं दिनांक 02-06-2022 को मंत्रिपरिषद से इसकी स्वीकृति दी गई थी. इसके आधार पर राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराई है. जाति आधारित गणना से न सिर्फ जातियों के बारे में पता चला है बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी मिली है. इसी के आधार पर सभी वर्गों के विकास एवं उत्थान के लिए अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी. बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना को लेकर शीघ्र ही बिहार विधानसभा के उन्हीं 9 दलों की बैठक बुलाई जाएगी तथा जाति आधारित गणना के परिणामों से उन्हें अवगत कराया जाएगा.’
आज गांधी जयंती के शुभ अवसर पर बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित कर दिए गए हैं। जाति आधारित गणना के कार्य में लगी हुई पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई !
जाति आधारित गणना के लिए सर्वसम्मति से विधानमंडल में प्रस्ताव पारित किया गया था।…
— Nitish Kumar (@NitishKumar) October 2, 2023
बिहार की आबादी
राज्य में हुई जातिगत गणना की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में पिछड़ा वर्ग 27.13 फीसदी है. अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01 फीसदी और सामान्य वर्ग 15.52 फीसदी है. कुल आबादी 13 करोड़ से अधिक है. अपर मुख्य सचिव विवेक सिंह ने कहा कि 1 जून, 2022 को सर्वदलीय बैठक में बिहार में जाति आधारित गणना कराने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया था. इसके बाद 2 जून, 2022 को राज्य मंत्री परिषद द्वारा दिए गए निर्णय के आधार पर राज्य में जाति आधारित गणना को दो चरणों में फरवरी, 2023 तक संपन्न करने का निर्णय लिया गया था.
विवेक सिंह ने कहा कि न्याय के साथ विकास के सिद्धांत पर राज्य सरकार ने राज्य के सभी धर्म एवं जातियों की गणना को संपन्न कराया है. बिहार राज्य में हुई गणना के अनुसार पूरे बिहार की जनसंख्या 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 पाई गई है. इसमें बिहार के बाहर में रहने वालों की संख्या 53 लाख 72 हजार 22 है. बिहार राज्य में रहने वालों की कुल जनसंख्या 12 करोड़ 53 लाख 53 हजार 288 है.
इसमें पुरुषों की कुल संख्या 6 करोड़ 41 लाख 31 हजार 990 है, जबकि महिलाओं की संख्या 6 करोड़ 11 लाख 38 हजार 460 है. अन्य की संख्या 82 हजार 836 पाई गई है. गणना के अनुसार, एक हजार पुरुषों पर 953 महिलाएं पाई गई हैं. इनमें पूरे बिहार में कुल 2 करोड़ 83 लाख 44 हजार 107 परिवार सर्वेक्षित किया गया है.
रिपोर्ट के अनुसार, बिहार में सबसे अधिक हिंदुओं की संख्या 10 करोड़ 71 लाख 92 हजार 958 है. मुस्लिम की संख्या 2 करोड़ 31 लाख 49 हजार 925 है. ईसाई की संख्या 75238, सिख की संख्या 14753, बौद्ध की संख्या 111201 और जैन की संख्या 12523 है.
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