Barabanki News: दलित महिला को मोहरा बना कांग्रेसी नेता ने बेच डाली करोड़ों की जमीन
Sandesh Wahak Digital Desk : बाराबंकी (Barabanki) जिले के फतेहपुर तहसील से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें कांग्रेसी नेता ने दलित (एससी) महिला को मोहरा बनाकर करोड़ों की जमीनों की खरीद-फरोख्त कर डाली। मामले की शिकायत एससी-एसटी आयोग के समक्ष हुई तो कांग्रेसी नेता पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू हुई। जिलाधिकारी बाराबंकी को मामले की जांच कराकर आख्या तलब की गई है।
महिला आज भी गुरबत में जिंदगी बिता रही
बता दें कि नेताजी आयकर विभाग के रडार पर भी हैं, आरोप है कि करोड़ों की जमीन एससी महिला के नाम कागजों में दर्ज है, जिसे औने पौने दामों पर दर्जनों लोगों को बेचा गया और पैसे का लेन-देन आरोपी कांग्रेसी नेता के सीक्रेट प्लान के मुताबिक गलत तरीके से किया गया। खुद कांग्रेसी नेता ने महिला से डेढ़ करोड़ रुपए से ज्यादा की जमीन महज 20 लाख रुपए में खरीदी और उसका भुगतान नगद दिखाया गया, जबकि महिला आज भी गुरबत में जिंदगी बिता रही है।
मामला बाराबंकी (Barabanki) जिले के तहसील फतेहपुर से जुड़ा है। जहां कांग्रेसी नेता निजामुद्दीन पुत्र हकीमुद्दीन निवासी कल्लू पुरवा, कुर्सी ने करोड़ों रुपए की बेशकीमती जमीनों को अनुसूचित जाति की महिला फूलमती पुत्री जानकी के नाम कराई, उसके बाद उससे एक करोड़ 61 लाख 15 हजार रुपए मालियत की जमीन महज 20 लाख रुपए में 27 नवंबर, 2013 को फर्जी ढंग से खरीद कर रजिस्ट्री कराई। करोड़ों रुपए की कृषि योग्य जमीन का स्वयं मलिक बनने के साथ ही फूलमती के माध्यम से दर्जनों लोगों को अन्य जमीन की रजिस्ट्री कराकर करोड़ों रुपए के वारे-न्यारे किए।
फूलमती के नाम से निजामुद्दीन ने अपनी बेनामी संपत्ति बनाई
सबसे अहम बात यह है कि फूलमती के नाम से निजामुद्दीन ने अपनी बेनामी संपत्ति बनाई हैं। इस पूरे प्रकरण में लखनऊ के मोहनलालगंज ग्राम व पोस्ट केवली नगराम निवासी रघुवर प्रसाद ने एससी एसटी आयोग के चेयरमैन से शिकायत की। इसके अलावा एक अन्य व्यक्ति ने प्रधान आयकर निदेशक जांच कार्यालय में भी इसकी शिकायत की है। जहां गंभीरता से जांच की जा रही है।
शिकायतकर्ता की मानें तो जांच का विषय यह है कि फूलमती एक साधारण महिला है। उसके पास करोड़ों रुपए की जमीन कैसे आई। अगर उसने किसी से खरीदी है तो उसके भुगतान का स्रोत क्या है। उसके बाद जब उसने वह जमीन खरीद ली या वो उस जमीन की स्वामिनी है, इसके बाद करोड़ों की जमीन उसने महज 20 लाख रुपए में निजामुद्दीन को दस्तावेजों में बेचना दिखाया है। यह जमीन ग्राम कुर्सी में कृषि योग्य भूमि है।
इन गाटों पर हुई गड़बड़ी की शिकायत
क्षेत्र के गाटा संख्या 1502, 1387क, 1543, 1512 मि., 1448, 1386 का जिक्र शिकायत में है। रजिस्ट्री में 20 लाख रुपए के भुगतान का जरिया भी नहीं दिखाया गया है। उसमें सीधे तौर पर विक्रेता द्वारा प्राप्त करना व क्रेता द्वारा भुगतान किया जाना दर्शाया गया है, जोकि अपने आप में तमाम सवाल खड़े करता है। प्रकरण को लेकर जब आरोपी कांग्रेसी नेता से बातचीत की गई तो उन्होंने सीधे शिकायतकर्ता से ही निपटने की धमकी दे डाली।
फूलमती ने की है दर्जन भर से ज्यादा लोगों की रजिस्ट्री
फूलमती ने उसी ग्राम में 185.87 वर्ग मीटर जमीन लखनऊ जानकीपुरम विस्तार निवासी भानु प्रताप सिंह की पत्नी नीलू सिंह को रजिस्ट्री की। इसके अलावा 92.93 वर्ग मीटर जमीन कानपुर नगर जाजमऊ निवासी इरफान अहमद सिद्दीकी की पत्नी नूर फातिमा को रजिस्ट्री की। 278.81 वर्ग मीटर जमीन कानपुर नगर के आरके नगर निवासी मोहम्मद शाहिद मोविन की पत्नी नीलोफर को रजिस्ट्री की।
55.76 वर्गमीटर लखनऊ महानगर निवासी बिंदु सिंह को, पीलीभीत सिविल लाइन निवासी मोहम्मद नसीम खान को रजिस्ट्री की। 92.93 वर्गमीटर लखनऊ शेरवानी नगर निवासी मोहम्मद मुख्तार जिलानी की पत्नी सरवरी को बेची। 185.87 वर्ग मीटर गोमती नगर लखनऊ निवासी अनीश खान की पत्नी अनवरी बेगम को रजिस्ट्री की।
511.152 वर्ग मीटर उन्नाव शुक्लागंज निवासी बालेश शर्मा की पत्नी आशा शर्मा को लाखों की जमीन कौडिय़ों के भाव बेची, जबकि इन सब पूरी जमीनों का बाजारी मूल्य ढाई करोड़ रुपए से ज्यादा का है। जमीनों की खरीद-फरोख्त से होने वाली लाखों की रकम फूलमती के खातों में न जाकर निजामुद्दीन या उनके करीबियों के खातों में जाती है जबकि रजिस्ट्री वो फूलमती के माध्यम से कराता है।
माफिया मुख्तार अंसारी का कथित गुर्गा है निजामुद्दीन
आरोपी निजामुद्दीन के ईंट-भठ्ठे हैं और वह काफी दबंग बताया जा रहा है। माफिया मुख्तार अंसारी से संबंधों के बूते उसने करोड़ों की बेनामी संपत्तियां खड़ी की हैं। इसके खिलाफ लखनऊ के इंदिरा नगर थाने व बाराबंकी के कुर्सी थाने में गंभीर मामलों में मुकदमे दर्ज हैं। माफिया मुख्तार अंसारी से संबंधों का प्रभाव दिखाकर निजामुद्दीन ने एससी के नाम गलत ढंग से पट्टे पर जमीन कराई।
अब उन जमीनों को बेचकर करोड़ों रुपए के वारे-न्यारे किए। फूलमती तो एक मोहरा है, ऐसे न जाने कितने लोगों के नाम जमीन करा कर बाद में बिकवाई। गलत ढंग से एससी के नाम पट्टा कर कर उसने एक बड़ा आर्थिक साम्राज्य खड़ा कर लिया है।
कागजों में फूलमती करोड़पति, हकीकत में गरीब
अनुसूचित जाति की महिला फूलमती दस्तावेजों में तो करोड़पति है, लेकिन हकीकत में एक गरीब किसान है। उसके पास कुल दो बीघा जमीन बताया जा रहा है। जिसमें वह खेती बाड़ी कर अपना जीवन यापन कर रही है। फूलमती ने शादी नहीं की है और अपने भतीजे बब्लू को गोद लिया है। वही उसका उत्तराधिकारी है।
फूलमती से मोबाइल फोन पर जब संपर्क किया गया तो बबलू ने कॉल रिसीव की और पूछने पर पूरी सच्चाई बयां की। उसने बताया कि फूलमती धान काटने खेत पर गई है और उनके पास कोई बैंक बैलेंस नहीं है। निजामुद्दीन ही अपने पैसे से उनके नाम पर जमीन खरीदता है और बेचता है। उनको सिर्फ खर्च के तौर पर मामूली रकम मिलती है।
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