प्रियंका गांधी वाड्रा ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, कर दी ऐसी मांग
Sandesh Wahak Digital Desk: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पीएम नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है. इस पत्र के जरिये प्रियंका ने हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से हुए नुकसान और भूस्खलन को ‘राष्ट्रीय आपदा’ घोषित करने की मांग की है. उन्होंने लिखा कि साल 2013 में केदारनाथ त्रासदी की तरह हिमाचल आपदा को भी राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाना चाहिए. बताया जा रहा है कि राज्य में भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से करीब साढ़े 8 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
पत्र में प्रियंका ने क्या लिखा?
प्रियंका गांधी ने पत्र के जरिये केंद्र सरकार से पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता देने की मांग की है और साथ ही राज्य के पुनर्निर्माण की भी अपील की है. पत्र में उन्होंने लिखा कि ‘हिमाचल देवभूमि होने के साथ ही सच्चे, सीधे-सादे और मेहनती लोगों की धरती है. यहां की महिलाएं, किसान, कर्मचारी, व्यापारी और युवा सभी मेहनती और स्वाभिमानी हैं. आज ये लोग अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहे हैं. बाढ़ और भूस्खलन से राज्य में भारी तबाही हुई है.’
प्रियंका ने लिखा कि ‘हाल ही में मैं शिमला, कुल्लू, मनाली और मंडी जिले के आपदा पीड़ितों से मिली. यह तबाही देखना काफी दुखी करने वाला था. 428 लोगों ने इस तबाही में जान गंवाई. कई परिवारों के सभी सदस्य इस आपदा में मारे गए. मरने वालों में बच्चे भी शामिल हैं.
तबाही के आंकड़े बताते हुए उन्होंने लिखा कि ‘राज्य में 16 हजार जानवरों, पक्षियों की इस तबाही में मौत हुई. इनमें 10 हजार मुर्गियां और 6 हजार से ज्यादा गाय-भैंसे शामिल हैं. 13 हजार से ज्यादा घर पूरी तरह या आंशिक रूप से तबाह हो गए.’
पत्र के अनुसार प्रियंका ने कहा कि ‘शिमला से परवानु के बीच का नेशनल हाइवे और कुल्लू-मनाली-लेह हाइवे पूरी तरह से तबाह हो चुके हैं. इनके अलावा राज्य में कई सड़कें और हाइवे तबाह हुए हैं. राज्य को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. राज्य सरकार इस तबाही से निपटने की हरसंभव कोशिश कर रही है. तबाही के बाद अब लोग सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं और कई जगह स्थानीय लोग सड़कों की मरम्मत के लिए श्रमदान कर रहे हैं. मुझे ये देखकर बहुत खुशी हुई. इसी भावना के साथ मैंने ये चिट्ठी लिखी है.’
कांग्रेस महासचिव ने लिखा कि ‘आज जब लोगों को मदद की जरूरत है तो केंद्र सरकार ने विदेश से आने वाले सेबों पर आयात शुल्क घटाकर उनकी आर्थिक परेशानी को बढ़ा दिया है. मैं अपील करती हूं कि हिमाचल की आपदा को केदारनाथ त्रासदी की तरह राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए और पीड़ितों को आर्थिक मदद दी जाए.’
बता दें कि हिमाचल को इस तबाही से करीब 8,679 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है. मानसून के दौरान 165 भूस्खलन, 72 बाढ़ की घटनाएं हुईं. भूस्खलन से 111 लोगों की मौत हुई. इनमें से 94 कुल्लू, मंडी, शिमला और सोलन जिले में हुईं. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि राज्य में तबाही से करीब 12 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
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