बस 150 घंटे और फिर खत्म होगा मिशन चंद्रयान-3, जानिए आगे क्या होगा
Sandesh Wahak Digital Desk: जब इसरो ने चांद पर तिरंगा फहराया तो हर देशवासी का सीना फक्र से चौड़ा हो गया, वहीं चंद्रयान-3 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी हिस्से पर लैंड किया और उसके बाद से ही कई अहम खुलासे करते आ रहा है। वहीं अब चंद्रयान-3 के प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर की 14 दिनों का कार्यकाल खत्म होने वाला है, यानी अब इन दोनों के पास सिर्फ 6 दिन बचे हैं। दूसरी ओर चंद्रयान-3 अपने इन आखिरी 6 दिनों में कई बड़े कमाल कर सकता है, जो दुनिया के काम आएंगे। बता दें इसरो ने 14 जुलाई को चंद्रयान-3 मिशन को लॉन्च किया था।
वहीं 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर विक्रम लैंडर लैंड किया और इतिहास रच दिया, जहाँ चांद के इस हिस्से में पहुंचने वाला भारत दुनिया का पहला देश बना था। विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर की लाइफ सिर्फ 14 दिन की थी, जो चांद के एक दिन के बराबर है और जैसे ही चांद पर सूर्य डूबेगा, दोनों काम करना बंद कर देंगे। इसके साथ ही विक्रम-प्रज्ञान के पास करीब 150 घंटे बचे हैं, वहीं चंद्रयान-3 ने अभी तक चांद के दक्षिणी हिस्से पर ऑक्सीजन समेत अन्य तत्व होने, तापमान में बदलाव होने, अलग-अलग क्रेटर के बारे में पता लगा लिया है।
दूसरी ओर अब आने वाले कुछ दिनों में चांद पर होने वाली भूकंप से जुड़ी गतिविधि, चांद और धरती के बीच सिग्नल की दूरी, मिट्टी में मिलने वाले कणों की जांच करेगा। सिर्फ 14 दिन के भीतर चांद पर चंद्रयान-3 के कई मिशन पूरे हो जाएंगे।
वहीं इसरो की टीम ने जब इस मिशन को लॉन्च किया था, तभी मालूम था कि इसकी जिंदगी 14 दिन की है। इसके साथ ही चांद का साउथ पोल वैसे ही डार्क जोन कहा जाता है, क्योंकि यह सीधे सूरज के संपर्क में नहीं आता है और यहां काफी वक्त से अंधेरा रहता है। वहीं चांद का एक दिन यानी पृथ्वी के हिसाब से 14 दिन तक सूरज की किरणें यहां आती हैं जिसकी मदद से विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर काम कर रहे हैं।
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