अब थानों में रखे सबूतों से नहीं हो सकेगी छेड़छाड़, आगरा में शुरू हुई नयी व्यवस्था
Sandesh Wahak Digital Desk: यूपी में आगरा के पुलिस थानों में रखे सबूत अब सुरक्षित रहेंगे, उनसे किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं हो सकेगी. दरअसल, ई-मालखाना मैनेजमेंट सिस्टम से मिली यूनिक आईडी उन सबूतों को सुरक्षित रखेगी. इतना ही नहीं, एक क्लिक पर माल की लोकेशन से लेकर कोर्ट में पेश करने की तारीख तक पुलिस को पता चल जाएगी. बता दें कि आगरा में 25 से अधिक थानों को ई-मालखाना साफ्टवेयर से जोड़ दिया गया है.
हर थाने में मालखाना होता है. इसमें अपराधियों से बरामद माल, आला कत्ल आदि रखे जाते हैं. हेड मुहर्रिर माल का ब्योरा एक रजिस्टर में दर्ज करते थे. माल को पोटली या बॉक्स में बंद करके कभी फर्श तो कभी दीवार में बनी अलमारी में रख दिया जाता था. कई बार रैक और अलमारी का प्रयोग कीमती माल को रखने के लिए होता था. इस स्थिति में कोर्ट में माल को पेश करने के समय दिक्कत होती थी. आगरा में मालखाने से चोरी के मामले भी सामने आ चुके हैं. अब ई-मालखाना मैनेजमेंट सिस्टम से इस समस्या से निजात मिल जाएगी.
पुलिस आयुक्त डाॅ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि ई-मालखाना हर थाने में शुरू किया जा रहा है. पुलिसकर्मियों के मोबाइल पर ई-मालखाना एप डाउनलोड कराया गया है. इसमें माल का पूरा ब्योरा होता है. जैसे माल का क्या प्रकार है? वजन क्या है? केस नंबर क्या है? माल की फोटो और विवेचक कौन है? कोर्ट में कब की तारीख लगी है? कब माल पेश किया जाना है आदि. तकरीबन 22 बिंदुओं पर ब्योरा भरा जाता है.
यह दर्ज होने के बाद माल को यूनिक आईडी दी जाती है. साथ ही, बार कोड भी मिल जाता है. पुलिसकर्मी बक्से पर लगे बार कोड को स्कैन कर माल के केस के बारे में आसानी से जान सकते हैैं. अगर, कोई व्यक्ति अपने माल को लेने के लिए प्रार्थनापत्र देता है तो उसके केस नंबर से पता चल जाएगा कि माल कहां रखा है.
अमूमन थाने के मालखाने के मुंशी का तबादला होने पर दूसरे मुंंशी को चार्ज लेने में महीनों लग जाते थे. वहीं, पुलिसकर्मी एक-एक माल को देखते थे. इसके बाद चार्ज लेते थे. लेकिन, अब ई-मालखाना से यह जिम्मेदारी लेना आसान हो जाएगा. मुंशी को चार्ज लेने में सिर्फ पांच से छह घंटे लगेंगे.
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