पुराने सरकारी बंगले में नहीं रहना चाहते राहुल गांधी, जानिए वजह
Sandesh Wahak Digital Desk : कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल होने के बाद उन्हें पुराना बंगाला वापस दे दिया है। तो वहीं अब राहुल गांधी अपने पुराने बंगले में नहीं रहना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने हाउसिंग कमेटी के लेटर लिखा है।
राहुल गांधी 12 तुगलक लेन वाले बंगले में शिफ्ट नहीं होना चाहते हैं। आपको बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को यह बंगला 19 साल पहले जब वह अमेठी से सांसद थे। उस वक्त दिया गया था। इस बंगले में राहुल गांधी 19 साल रहे थे। मोदी सरनेम केस में 2 साल की सजा मिलने के बाद 22 अप्रैल को उन्हें ये बंगला खाली करना पड़ा था।
ये हैं बंगले की खासियत
12 तुगलक लेन का यह बंगला टाइप-7 का है। टाइप 7 बंगला का रकबा एक से डेढ़ एकड़ के बीच होता है। इसमें टाइप 8 बंगलों की तुलना में एक बेडरूम कम (4 बेडरूम) होता है। ऐसे बंगले वरिष्ठ सांसदों, राज्य मंत्रियों और दिल्ली हाईकोर्ट ने जजों को आवंटित होते हैं।
सूत्र के मुताबिक राहुल गांधी को हाउसिंग कमिटी की ओर से सात सफदरगंज लें और तीन साउथ एवेन्यू बंगले का ऑप्शन दिया गया है। राहुल गांधी की टीम के लोग दोनों बंगलो का मुआयना भी कर चुके हैं, लेकिन अभी कुछ तय नहीं हुआ है। दरअसल उनकी टीम सुरक्षा के लिहाज से भी बंगले का मुआयना कर रही है। क्योंकि राहुल के पास Z प्लस सुरक्षा भी है।
दूसरे ऑप्शन तलाश रहे हैं राहुल
एक रिपोर्ट के मुताबिक वे इन दिनों घर के लिए कुछ और विकल्प तलाश रहे हैं। घर छोड़ते वक्त राहुल ने कहा था कि उन्हें सच बोलने की सजा दी गई है। वो घर उन्हें भारत के लोगों ने दिया था, बावजूद इसके वे उस घर में वापस नहीं जाना चाहते जो उनसे छीन लिया गया था।
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