‘जय गंगा मैया बोलना शर्म की बात’, अजीज कुरैशी का विवादित बयान, कांग्रेस और नेहरू को लेकर कही ये बात
Sandesh Wahak Digital Desk: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजीज कुरैशी के विवादित बयान से घमासान मचा हुआ है. मध्य प्रदेश के विदिशा के लटेरी में आयोजित कार्यक्रम में मंच से उन्होंने कहा कि ‘मुझे कोई डर नहीं, निकाल देना पार्टी से. नेहरू के वारिस और कांग्रेस के लोग आज हिंदुत्व की धार्मिक यात्राएं निकालते हैं. गंगा मैया की जय बोलते हैं. जय नर्मदा मैया, गर्व से कहो मैं हिंदू हूं की नारेबाजी करते हैं. पीसीसी के दफ्तर में मूर्तियां बिठाते हैं. यह बड़े शर्म की बात है. ये डूब मरने की बात है.’
अजीज कुरैशी ने सख्त लहजे में कहा कि ‘देश की सभी पार्टियां, जिसमें कांग्रेस भी शामिल है. उनसे मैं कहना चाहता हूं वह अच्छी तरह समझ लें कि मुसलमान आपका गुलाम नहीं है. मुसलमान क्यों वोट दे आपको, नौकरी आप देते नहीं, पुलिस, सेना, नेवी में आप लेते नहीं फिर क्यों वोट दे मुसलमान आपको.’ कुरैशी ने कहा कि ’22 करोड़ मुसलमान में से अगर एक दो करोड़ मर भी जाएं तो कोई हर्ज नहीं. जब पानी हद से गुजर जाएगा तो मुसलमानों ने हाथों में चूड़ियां नही पहन रखी हैं.’
पूर्व राज्यपाल ने कहा कि मैंने इसलिए कहा है, क्योंकि देश में मुसलमान खौफ के साये में जी रहा है. मुसलमानों को डराया धमकाया जा रहा है. वहीं, कांग्रेस के धार्मिक कार्यों का जवाब देते हुए कुरैशी ने कहा कि ‘कांग्रेस पार्टी बीच-बीच में हिंदुत्व की बात करने लगती है, जो गलत है. जैसे कांग्रेस दफ्तर में पूजा हो, मूर्तियां स्थापित हों, जय श्री राम के नारे लगें, यह नेहरू के ख्वाब का मर्डर करना है. कांग्रेस सेक्युलर पार्टी है, लेकिन कुछ लोग हैं जो इससे हटने की कोशिश कर रहे हैं उनको रोकने में लगा हूं.’
कुरैशी ने आगे कहा कि इस मुल्क में पहले कभी नहीं हुआ कि पीएम और गृहमंत्री के भाषणों से लोग डरें और मैं तो बोल रहा हूं कि भारत में मुस्लिम ‘शैडो ऑफ डेथ’ में जी रहा है. बुलडोजर जो चल रहे हैं घरों पर या जो एनकाउंटर हो रहे हैं. मैं नहीं बोल रहा कि सिर्फ मुस्लिमों पर हो रहा है, लेकिन कार्रवाई का जो रेसियो है वो इनको एंटी मुस्लिम दिखाता है.
बता दें कि कांग्रेस के सीनियर नेता अजीज कुरैशी यूपी, उत्तराखंड और मिजोरम के राज्यपाल रह चुके हैं. उन्हें एक महीने के लिए यूपी का राज्यपाल (अतिरिक्त प्रभार) दिया गया था. साल 2015 में कुछ महीनों के लिए उन्होंने मिजोरम के राज्यपाल का पद संभाला था. उन्हें मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 24 जनवरी, 2020 को एमपी उर्दू अकादमी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया. इसके अलावा, कुरैशी मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं. साल 1984 के लोकसभा चुनाव में वो सतना से सांसद भी चुने गए थे.
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