इस साल के अंत तक हो जाएगा 16वें वित्त आयोग का गठन, जानें सबकुछ
Sandesh Wahak Digital Desk: केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच राजस्व का बंटवारा तय करने वाले अगले वित्त आयोग का गठन इस साल के अंत तक होने वाला है. फ़िलहाल, 15वें वित्त आयोग का कार्यकाल चल रहा है और ये साल 2026 में खत्म होगा. उसके बाद 16वें वित्त आयोग का समय शुरू होगा, जिसके गठन की सरगर्मियां अभी से तेज हो गई हैं. वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा कि सरकार को नवंबर के अंत तक 16वें वित्त आयोग का गठन होने की उम्मीद है.
उन्होंने कहा कि वित्त आयोग एक संवैधानिक निकाय है, जो केंद्र-राज्य वित्तीय संबंधों पर सुझाव देता है. आयोग अन्य बातों के अलावा इस बारे में भी सुझाव देगा कि 1 अप्रैल, 2026 से शुरू होने वाले पांच वर्षों के लिए केंद्र और राज्यों के बीच कर को किस अनुपात में विभाजित किया जाएगा.
एक साक्षात्कार में टीवी सोमनाथन ने कहा कि ‘नवंबर के अंत तक वित्त आयोग का गठन होने की उम्मीद है, क्योंकि यह वैधानिक आवश्यकता है. आयोग के लिए संदर्भ की शर्तों (टीओआर) को अंतिम रूप दिया जा रहा है. पिछले वित्त आयोग ने 9 नवंबर, 2020 को पांच वित्त वर्षों यानी 2021-22 से 2025-26 के लिए अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपी थी.’
उन्होंने कहा कि एन के सिंह के नेतृत्व में 15वें आयोग ने कर हस्तांतरण अनुपात 42 प्रतिशत पर रखा था. यह राशि 14वें आयोग के सुझावों के समान थी. केंद्र सरकार ने आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया था. इसके अलावा, 15वें वित्त आयोग ने राजकोषीय घाटा, संघ और राज्यों के लिए ऋण मार्ग और बिजली क्षेत्र में सुधारों के आधार पर राज्यों को अतिरिक्त कर्ज लेने की सिफारिश भी की थी.
राजकोषीय समेकन के अनुसार, सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.5 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य तय किया है. चालू वित्त वर्ष में घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 5.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
सोमनाथन ने कहा कि सरकार जीडीपी के 5.9 प्रतिशत तक राजकोषीय घाटे के लक्ष्य पर कायम रहेगी. मजबूत कर, गैर-कर संग्रह से खर्च को पूरा करने में मदद मिलेगी और विनिवेश आय में किसी भी कमी की भरपाई की जा सकेगी.
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