Sambhal Crime: मायावती के बर्थडे पर मिट्टी का केक काटने वाले 8 साल बाद गिरफ्तार, आरोपी बोला- घटना के वक्त BJP में था
Sandesh Wahak Digital Desk: यूपी की पूर्व सीएम और बसपा सुप्रीमों मायावती के बर्थडे पर संभल में मिट्टी का केक काटा गया था. इस घटना के 8 साल बाद अब संभल जिला संघर्ष समिति के पदाधिकारी जुल्फिकार पुत्र अब्दुल रहमान को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इसके अलावा, समिति के दो अन्य सदस्य शकील उर रहमान और नूर खां की भी गिरफ्तारी हुई है. इन तीनों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है. बता दें कि संभल जिला संघर्ष समिति के बैनर तले इन लोगों ने साल 2015 में मायावती के बर्थडे पर मिट्टी का केक काटाकर मिट्टी के लड्डू बांटे थे.
क्या था मामला
दरअसल, साल 2011 में यूपी की तत्कालीन बसपा सरकार और नवनिर्वाचित सीएम मायावती ने संभल को जिला घोषित किया था और इसका नामकरण भीम नगर कर दिया था. चुनावी साल के चलते मायावती ने जिला मुख्यालय की घोषणा को टाल दिया था. जबकि वहां के लोग चाहते थे कि संभल तहसील को ही जिला मुख्यालय घोषित कर दिया जाए. इसको लेकर लोगों ने संभल जिला संघर्ष समिति बनाकर आंदोलन शुरू कर दिया. वहीं, संभल को जिला बनाने के बावजूद उसको जिला मुख्यालय घोषित करने से आरोपी काफी नाराज थे. उधर, साल 2012 के विधानसभा चुनाव में बसपा हार गई और समाजवादी पार्टी सत्ता में आ गई. इसके बाद संभल का नाम भीम नगर से बदलकर संभल कर दिया गया.
इधर, जिला मुख्यालय के लिए चल रहे आंदोलन के क्रम में टकराव की स्थिति बनने लगी थी. ऐसे में समिति के पदाधिकारियों ने साल 2015 में पूर्व सीएम मायावती के बर्थडे पर अनूठे तरीके से विरोध करने की योजना बनाई. इसमें बड़ी संख्या में समिति के सदस्यों ने मिट्टी का केक काटा और मिट्टी के लड्डू वितरित किए थे. इस घटना के 4 साल बाद (साल 2019) बसपा नेता अमरपाल सिंह ने कोर्ट के माध्यम से उन पर मुकदमा दर्ज करा दिया था. इसमें उन्होंने 8 आरोपियों के खिलाफ नामजद किया था.
मामले की सुनवाई के दौरान बाकी आरोपी तो कोर्ट में पेश होकर जमानत पर बाहर आ गए. लेकिन, मुख्य आरोपी जुल्फिकार के अलावा नूर खां और शकील ने ना तो जमानत कराई और ना ही कोर्ट में हाजिर हुए. ऐसे में कोर्ट ने इनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया. इसके बाद पुलिस ने इन तीनों आरोपियों को अरेस्ट कर कोर्ट में पेश किया और यहां से इन्हें जेल भेज दिया गया है.
उधर, अपनी गिरफ्तारी को लेकर जुल्फिकार ने सपा सांसद और विधायक पर आरोप लगाया है. जुल्फिकार ने कहा कि उस घटना के वक्त वह बीजेपी में थे. इसलिए साजिश के तहत सपा सांसद और विधायक ने उन्हें इस मामले में फंसा दिया. आरोपियों ने अपनी गिरफ्तारी को लेकर सांसद और विधायक के खिलाफ नारेबाजी भी की.
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