यूपी में नहीं बल्कि केंद्र को राष्ट्रीय स्तर पर भी जातीय जनगणना करानी चाहिए: मायावती
Sandesh Wahak Digital Desk: बसपा सुप्रीमों मायावती ने जातीय जनगणना को लेकर यूपी सरकार से सवाल किया है. उन्होंने कहा है कि यूपी में नहीं बल्कि केंद्र को राष्ट्रीय स्तर पर भी जातीय जनगणना करानी चाहिए. मायावती ने कहा कि बिहार सरकार द्वारा कराई जा रही जातीय जनगणना को पटना हाईकोर्ट ने पूर्णतया वैध ठहराया है. बसपा सुप्रीमों ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के माध्यम से ये सारी बातें कही हैं.
मायावती का ट्वीट
अपने ट्वीट में मायावती ने लिखा कि ‘ओबीसी समाज की आर्थिक, शैक्षणिक व सामाजिक स्थिति का सही ऑकलन कर उसके हिसाब से विकास योजना बनाने के लिए बिहार सरकार द्वारा कराई जा रही जातीय जनगणना (caste census) को पटना हाईकोर्ट द्वारा पूर्णत वैध ठहराए जाने के बाद अब सबकी निगाहें यूपी पर टिकी हैं कि यहाँ यह जरूरी प्रक्रिया कब?’
1.ओबीसी समाज की आर्थिक, शैक्षणिक व सामाजिक स्थिति का सही ऑकलन कर उसके हिसाब से विकास योजना बनाने के लिए बिहार सरकार द्वारा कराई जा रही जातीय जनगणना (caste census) को पटना हाईकोर्ट द्वारा पूर्णत वैध ठहराए जाने के बाद अब सबकी निगाहें यूपी पर टिकी हैं कि यहाँ यह जरूरी प्रक्रिया कब?
— Mayawati (@Mayawati) August 9, 2023
दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा कि ‘देश के कई राज्य में जातीय जनगणना के बाद यूपी में भी इसे कराने की माँग लगातार ज़ोर पकड़ रही है, किन्तु वर्तमान बीजेपी सरकार भी इसके लिए तैयार नहीं लगती है, यह अति-चिन्तनीय, जबकि बीएसपी की माँग केवल यूपी में नहीं बल्कि केन्द्र को राष्ट्रीय स्तर पर भी जातीय जनगणना करानी चाहिए.’
3. देश में जातीय जनगणना का मुद्दा, मण्डल आयोग की सिफारिश को लागू करने की तरह, राजनीति का नहीं बल्कि सामाजिक न्याय से जुड़ा महत्त्वपूर्ण मामला है। समाज के गरीब, कमजोर, उपेक्षित व शोषित लोगों को देश के विकास में उचित भागीदार बनाकर उन्हें मुख्य धारा में लाने के लिए ऐसी गणना जरूरी।
— Mayawati (@Mayawati) August 9, 2023
बसपा सुप्रीमों ने आखिरी ट्वीट में लिखा कि ‘देश में जातीय जनगणना का मुद्दा, मण्डल आयोग की सिफारिश को लागू करने की तरह, राजनीति का नहीं बल्कि सामाजिक न्याय से जुड़ा महत्त्वपूर्ण मामला है. समाज के गरीब, कमजोर, उपेक्षित व शोषित लोगों को देश के विकास में उचित भागीदार बनाकर उन्हें मुख्य धारा में लाने के लिए ऐसी गणना जरूरी’.
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