संपादक की कलम से : वर्षा जल संरक्षण का सवाल
Sandesh Wahak Digital Desk : देश के अधिकांश भागों में बारिश का दौर जारी है। पहाड़ी राज्यों में भारी बारिश के कारण न केवल बांध लबालब हो गए हैं बल्कि नदियां भी उफना गयी है। कई राज्यों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। वहीं दूसरी ओर वर्षा जल के संरक्षण को लेकर न तो केंद्र और न राज्य सरकारें गंभीर हैं। यह स्थिति तब है जब भूगर्भ जलस्तर साल-दर-साल घट रहा है और कई शहर डार्क जोन में तब्दील होने की कगार पर खड़े हैं।
सवाल यह है कि :-
- वर्षा जल संरक्षण के लिए कोई ठोस पहल क्यों नहीं की जा रही है?
- इमारतों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग योजना को धरातल पर क्यों नहीं उतारा जा रहा है?
- क्या विकास के प्रकृति केंद्रित नहीं होने के कारण हालात बिगड़ रहे हैं?
- तालाबों और पोखरों पर हो रहे अतिक्रमण पर लगाम क्यों नहीं लग पा रही है?
- नए जलाशयों के निर्माण को अमलीजामा पहनाने में लापरवाही क्यों बरती जा रही है?
- क्या पेड़ों की अंधाधुंध कटाई के कारण वर्षा जल का संरक्षण बाधित हुआ है?
- निर्देशों के बावजूद नदियों की सफाई का अभियान जोर-शोर से क्यों नहीं चलाया जा रहा है?
हर साल बारिश का अधिकांश पानी बर्बाद हो रहा है। नालों के जरिए नदियों में पानी जाने के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है। यह स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है क्योंकि नदियों के तल में गाद जमा होने के कारण उनके पानी भरण की क्षमता कम हो गई है। वहीं दूसरी ओर जलस्रोतों पर कब्जा कर कंक्रीट की इमारतें खड़ी की जा रही हैं। इसके कारण साल-दर-साल इनकी संख्या में कमी हो रही है। मानसून के मौसम में ये जल स्रोत बारिश के पानी को अपने में समेट लेते थे, इससे बाढ़ की स्थिति भयावह नहीं होती थी लेकिन इनके अस्तित्व की समाप्ति के कारण आज स्थितियां उलट गयी है।
भूगर्भ तक पहुंचाने वाले पेड़ों की कटाई भी अंधाधुंध जारी
इसके अलावा बारिश के पानी को अपनी जड़ों के जरिए भूगर्भ तक पहुंचाने वाले पेड़ों की कटाई भी अंधाधुंध जारी है। जंगल का क्षेत्रफल कम होता जा रहा है। तालाब और पोखरे न केवल जलस्रोत के रूप में काम करते हैं बल्कि ये बारिश के पानी के बड़े संरक्षणकर्ता भी है। इसके जरिए बारिश का पानी भूगर्भ में जाता है और उसके कारण उसका जलस्तर बढ़ जाता है।
हैरानी की बात यह है कि जल संरक्षण के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने एक ओर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम इमारतों में लगाने का आदेश जारी किया है वहीं जलाशयों के निर्माण पर फोकस कर रही हैं। बावजूद इसके जमीन पर यह कहीं नहीं दिख रहा है और वर्षा जल संरक्षण का सवाल अपनी जगह खड़ा है।
मसलन यूपी में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम आज तक सभी सरकारी इमारतों में नहीं बनाए जा सके हैं। साफ है हालात बेहद खतरनाक है। सरकार को वर्षा जल संरक्षण के लिए न केवल रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को कड़ाई से लागू कराना होगा बल्कि इसके लिए लोगों को जागरूक करने के लिए सतत जागरूकता अभियान भी चलाना होगा।
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