UP News : भारत में शरिया कानून लागू करवाना था शाहरुख का मकसद

Sandesh Wahak Digital Desk : मुरादाबाद के थाना मूढ़ा पांडे कांकर खेड़ा स्थित ग्राम गुलडिया निवासी हिजबुल मुजाहिदीन का संदिग्ध आतंकी अहमद रजा उर्फ शाहरुख उर्फ मोहिउद्दीन पाकिस्तान व अफगानिस्तान में लड़ रहे विभिन्न जिहादी संगठन के मुजाहिदीनों से प्रभावित है। वह उनकी जिहादी सोच पर बहुत भरोसा करता है। उसने भारत में काफिरों व काफिर सरकार के खिलाफ जिहाद करके जम्हूरियत की सरकार को हटाकर शरिया कानून लाने को अपनी जिंदगी का मकसद बना लिया था।

अपने मंसूबों को अंजाम देने के लिए संदिग्ध आतंकी अहमद हिजबुल मुजाहिदीन पीर पंजाल तंजीम से जुड़े सीनियर मुजाहिद साथी फिरदौस के लगातार संपर्क में था। फिरदौस जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग का रहने वाला है। फिरदौस ने ही उसे हिजबुल मुजाहिद्दीन पीर पंजाल में शामिल होने की कसम दिलवाई थी।

सोशल मीडिया में जिहादी वीडियो पोस्ट करता था आरोपी अहमद रजा

हिंदुस्तान में जिहाद करने एवं अपनी तंजीम को मजबूत बनाने के लिए अहमद को अपने सीनियर मुजाहिद साथियों से यह हिदायत मिली थी कि अधिक से अधिक लोगों को जिहादी बनाकर अपनी तंजीम से जोड़े। आरोपी अहमद रजा इसके लिए लोगों से मिलकर और सोशल मीडिया के जरिए हिजबुल मुजाहिद्दीन से जुड़ने की दावत देता था और लोगों में हिंसात्मक जिहाद भरने के लिए सोशल मीडिया में जिहादी वीडियो पोस्ट करता था।

यह भी बताया कि अपने मुजाहिद साथियों फिरदौस व पाकिस्तानी आतंकी हैंडलर के कहने पर अहमद दो बार हथियारों की ट्रेनिंग लेने श्रीनगर व अनंतनाग गया था। अपने आतंकी मंसूबों को पूरा करने के लिए वह अहसान गाजी की मदद से अफगानिस्तान जाकर बद्री कमांडो बनना चाहता था। पूछताछ में अहमद रजा ने बोला कि वह भारत के संविधान और सरकार को नहीं मानता। एक न एक दिन भारत में भी शरिया कानून लागू होगा।

अहसान गाजी की मदद से बद्री कमांडो बनना चाहता है अहमद

हिजबुल मुजाहिदीन के संदिग्ध आतंकी अहमद रजा के मंसूबे बेहद खतरनाक हैं। वह जम्मू-कश्मीर में अनंतनाग के जंगलों में दो बार हथियार चलाने की ट्रेनिंग लेने के बाद बावजूद और घातक हथियारों की ट्रेनिंग हासिल करना चाहता था। उसने जब अपने मंसूबों के बारे में पाकिस्तानी हैंडलर अहसान गाजी को बताया, तो गाजी ने उसे बद्री कमांडो बनने की सलाह दी।

इसके बाद अहमद रजा पर अफगानिस्तान जाकर बद्री कमांडो बनने की ट्रेनिंग लेने का जुनून सवार हो गया। अफगानिस्तान में बद्री कमांडो की यूनिट का खौफ है। हक्कानी नेटवर्क से कमांडो ट्रेनिंग हासिल करने के बाद अमेरिकी अत्याधुनिक हथियारों से लैस बद्री कमांडो की यूनिट दुनिया भर के सारे आतंकी संगठनों में सबसे खतरनाक मानी जाती है।

बताया जाता है कि इस यूनिट का नाम 1400 साल पहले बद्र की लड़ाई के नाम पर पड़ा। इस लड़ाई में 313 लोगों ने पूरी एक दुश्मन सेना को शिकस्त दी थी। वहीं, जब अमेरिका अफगानिस्तान छोडक़र गया तो करीब नौ लाख हथियारों, बख्तरबंद वाहनों पर तालिबान लड़ाकों ने कब्जा कर लिया। इनका इस्तेमाल अब बद्री यूनिट करती है। इसमें बुलेटप्रूफ जैकेट, अत्याधुनिक राइफल, नाइट विजन उपकरण, ब्लैक हॉक हैलीकॉप्टर आदि शामिल हैं।

आरोपी अहमद को रिमांड पर लेगी एटीएस

एटीएस हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े संदिग्ध आतंकी अहमद रजा को कोर्ट में पेश कर पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेने की कोशिश करेगा। साथ ही मोबाइल फोन से डाटा निकालने के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला से संपर्क करके आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी।

एटीएस की रडार पर जेके का फिरदौस

स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि आरोपी अहमद जम्मू कश्मीर के अनंतनाग निवासी मुजाहिद साथी फिरदौस के लगातार संपर्क में था। फिरदौस ने ही उसे तंजीम से और लोगों को जोड़ने को कहा था। एटीएस फिरदौस की शिनाख्त कर उसकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जाएंगे।

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