UP : आदेश दरकिनार, मनमाने ढंग से कर दिए वनाधिकारियों के तबादले

वृक्षारोपण महा-अभियान को लेकर स्थानांतरण की समय सीमा 30 सितंबर की गयी थी तय

Sandesh Wahak Digital Desk/Rakesh Yadav : वन विभाग में वनाधिकारियों के तबादलों में बड़ा खेल कर दिया गया। आरोप है कि प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने आकाओं के साथ मिलकर  रिटायरमेेंट के तीन दिन पहले ही शासन के आदेशों को दर किनार कर चहेते अधिकारियों को कमाऊ जनपदों में तैनात कर दिया। इसको लेकर विभागीय अधिकारियों में तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।

चर्चा है कि शासन के स्थानांतरण पर रोक लगाए जाने के बावजूद बड़ी संख्या में चहेते वनाधिकारियों को इधर-उधर कर दिया गया। सेटिंग-गेटिंग पर हुए इन तबादलों की भनक लगते ही हरकत में आए शासन ने पिछले दिनों किए गए समस्त तबादलों का निरस्त कर लेन-देन के इस मामले का दबा दिया।

15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के दिन पांच करोड़ पौधे लगाए जाने का लक्ष्य

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त करने के लिए प्रदेश भर में 35 करोड़ पौधे लगाए जाने के लिए वृक्षारोपण महा-अभियान-2023 चालू किया। इस अभियान के तहत 22 जुलाई को प्रदेश में एक ही दिन में 30 करोड़ पौधे रोपित करने का लक्ष्य तय किया। इसके अलावा आगामी 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के दिन पांच करोड़ पौधे लगाए जाने का लक्ष्य दिया गया।

शासन की स्थानांतरण नीति में अधिकारियों और कर्मियों के तबादले की अंतिम तिथि 30 जून निर्धारित की गई थी। वृक्षारोपण महा-अभियान को दृष्टिगत रखते हुए शासन ने वन विभाग के अधिकारियों और कर्मियों के तबादलों के लिए अंतिम तिथि 30 सितम्बर तय की थी। इसके लिए शासन से आदेश भी जारी किए गए।

क्षेत्रीय वनाधिकारियों के स्थानान्तरण आदेश जारी

शासन का आदेश होने के बाद भी वन विभाग की प्रधान मुख्य वन संरक्षक ममता संजीव दूबे ने रिटायर होने से कुछ दिन पहले ही वृक्षारोपण कार्यक्रम की मध्यावधि में ही लगभग 70-100 क्षेत्रीय वनाधिकारियों के स्थानान्तरण आदेश जारी कर दिए गए। सूत्रों का कहना है कि इन स्थानान्तरणों के लिए न तो शासन का अनुमोदन लिया गया और न ही स्थानान्तरणों की प्रति उपलब्ध करायी गयी।

इससे वृक्षारोपण सत्र के मध्य में किये गये क्षेत्रीय वनाधिकारियों के स्थानान्तरण सन्देह के घेरे में आ गए। नियमों की धज्जियां उड़ाने के साथ सेटिंग-गेटिंग से किए गए करीब सौ क्षेत्रीय वनाधिकारियों के तबादले विभागीय अधिकारियों के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं। चर्चा है कि चहेते वनाधिकारियों को मनमाफिक कमाऊ स्थानों पर तैनात करने के लिए गुपचुप तरीके यह तबादले कर लाखों के वारे-न्यारे कर दिए गए।

अनुमोदन नहीं लेने की वजह से निरस्त किए गए तबादले: मंत्री

वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार अरुण कुमार सक्सेना ने जब विभाग के वनाधिकारियों के तबादलों के अचानक निरस्त किए जाने के बारे में बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि विभागाध्यक्ष ने तबादलों के लिए कोई अनुमोदन नहीं लिया था। अनुमोदन नहीं लिए जाने की वजह से सभी स्थानांतरित वनाधिकारियों के तबादलों को निरस्त कर दिया गया है। उधर दूसरी ओर अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह के निर्देश पर वन विभाग की प्रधान मुख्य वन संरक्षक ममता संजीव दूबे के किए गए सभी वनाधिकारियों के तबादलों को निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया है।

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