लोकसभा चुनाव 2024 : अपने मतदाताओं की घर वापसी में जुटी बसपा
Sandesh Wahak Digital Desk : बसपा ने लोकसभा चुनावों को लेकर अपनी नई रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। इसके अंतर्गत पहले की मंडल स्तरीय व्यवस्था को समाप्त करते हुए पूरे उत्तर प्रदेश को नौ सेक्टर में बांट दिया गया है। सभी सेक्टरों में दो से तीन पदाधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। सभी पदाधिकारी अपने लोकसभा क्षेत्रों से संबंधित रणनीति बनाने के लिए स्वतंत्र होंगे और अपने क्षेत्र से संबंधित चुनावी गतिविधियों के लिए सीधे मायावती को रिपोर्ट करेंगे। इसके पीछे बसपा द्वारा अपने कोर मतदाताओं की घर वापसी कराना है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, बहुजन समाज पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपना पारंपरिक आधार वोट बनाए रखने की है। इसके लिए उसे दलितों-महादलितों के साथ मुसलमानों का साथ पाना है। पार्टी किसी सांप्रदायिक विभाजन को रोकने के लिए अभी से हर सेक्टर में विशेष पदाधिकारियों की नियुक्ति करेगी जो उसके मतदाताओं के बीच पार्टी की स्थिति को साफ करने का काम करेंगे।
बसपा नेता ने निचले स्तर पर संगठन की गतिविधियों को तेज करने के लिए सीधे पहल की है और कई योजनाओं के सहारे अपने कोर मतदाताओं तक पहुंचने और उन्हें अपने साथ जोडऩे की कोशिश की है। मायावती की सबसे बड़ी चुनौती इसी वोट बैंक को अपने साथ लाना है।
मुस्लिमों पर डोरे डाल रही भाजपा, सपा-बसपा की चुनौती बढ़ी
यूपी की राजनीति में मुसलमान मतदाताओं का विशेष असर रहता है। मुसलमान अब तक कांग्रेस, सपा और बसपा के बीच बंटते रहे हैं। पसमांदा मुसलमानों के मुद्दे के सहारे इस बार भाजपा भी इन मतदाताओं पर डोरे डालने की कोशिश कर रही है। इससे सपा-बसपा की चुनौती बढ़ गई है।
पिछले चुनावों में ये वर्ग पूरी तरह समाजवादी पार्टी के साथ चला गया था जिससे वह भाजपा को सत्ता से दूर रखने में सफल हो सके। नई परिस्थितियों में कांग्रेस मुसलमान मतदाताओं के बीच राष्ट्रीय स्तर पर सबसे मजबूत विकल्प बनकर उभरी है। ऐसे में बसपा को इस वोट बैंक को अपने साथ जोड़कर रखने की चुनौती बढ़ गई है।
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