MP चुनाव को लेकर बसपा की समीक्षा बैठक, अब सरकार में शामिल होंगी मायावती!

Sandesh Wahak Digital Desk: मध्य प्रदेश और दूसरे राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने दिल्ली में पार्टी के प्रमुख नेताओं के साथ समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी (BSP) अब किसी भी प्रदेश में बाहर से समर्थन देने की बजाय सरकार में शामिल होगी. बसपा सुप्रीमो ने कहा कि ‘हम कई राज्यों में बैलेंस ऑफ पावर बनकर उभरे हैं. जातिवादी तत्व साम, दाम, दंड, भेद और तमाम घिनौने हथकंडे अपनाकर पार्टी के विधायकों को तोड़ लेते हैं. जनता के साथ विश्वासघात कर ऐसे लोग सत्ता पर काबिज हो जाते हैं. आगे होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद बैलेंस ऑफ पावर बनने पर बसपा सरकार में शामिल होने पर विचार करेगी.’

यूपी में चार बार बसपा सरकार

इस बैठक में मायावती ने कहा कि ‘बसपा ने यूपी जैसे बड़ी आबादी वाले और राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य में चार बार अपनी सरकार बनाई. बाबासाहब डॉ. भीमराव अंबेडकर और उनके अनुयायी कांशीराम जी के सपनों को जमीनी हकीकत में उतारने के लिए काम किए. दूसरे राज्यों में भी सरकार में शामिल होकर गरीबों, शोषितों, उपेक्षितों, दलितों और अन्य पिछड़ों के कल्याण के साथ उन पर होने वाले जुल्म-ज्यादती, अन्याय-अत्याचार को रोकने का काम भी जरूर किया जा सकता है.’

उन्होंने ने कहा कि ‘राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में कमजोर वर्गों और धार्मिक अल्पसंख्यकों में से मुस्लिम समाज का सही संवैधानिक भला तभी हो सकता है, जब वहां जनता को निराश करने वाली ‘मजबूत व अहंकारी सरकार’ नहीं, बल्कि गठबंधन की ‘जनहित के लिए मजबूर सरकार’ होगी.’

मध्य प्रदेश में दलितों पर अत्याचार

मायावती ने कहा कि ‘राजस्थान, मध्यप्रदेश आदि राज्यों से गरीबों, दलितों, आदिवासियों, अति पिछड़ों और धार्मिक अल्पसंख्यकों में से खासकर मुस्लिम व ईसाई समाज के लोगों और उनके संस्थानों पर जुल्म-ज्यादती की खबरें आती रहती हैं. यह अति दुखद है. इसका समाधान तभी संभव है, जब सरकार में उनकी हितैषी पार्टी के सच्चे व ईमानदार प्रतिनिधि होंगे.’

इन 4 राज्यों में होने हैं चुनाव

बसपा सुप्रीमो मायावती ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा की. वरिष्ठ पदाधिकारियों और अन्य जिम्मेदार लोगों के साथ मंगलवार को दिल्ली में पार्टी कार्यालय में मध्यप्रदेश के हालातों और राजनीतिक समीकरण पर भी रायशुमारी की गई. उन्होंने पार्टी का जनाधार बढ़ाने के साथ इलेक्शन और संगठन को लेकर तय कामों को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिए.

 

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