UP Politics : कांग्रेस से मोलभाव करने के लिए पूर्वांचल मजबूत करेगी सपा

Sandesh Wahak Digital Desk : सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) का राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा बनने के बाद समाजवादी पार्टी के लिए पूर्वांचल में जातीय समीकरणों को बैठाना टेढ़ी खीर साबित हो सकता है। पूर्वी यूपी की तकरीबन दो दर्जन सीटों में से दर्जन भर पर सपा को खासी उम्मीदें हैं। इस बेल्ट में सपा ने काफी बेहतर प्रदर्शन किया था। इसी आधार पर पार्टी को हाल में सियासी झटके लगने के बावजूद अगले साल लोकसभा चुनाव में बेहतर करने की उम्मीद है।

सुभासपा के एनडीए का हिस्सा बनने के बाद जातीय समीकरणों को बैठाना टेढ़ी खीर

इसके बावजूद पार्टी जानती है कि अगर अपना कुनबा इस इलाके के कद्दावर पिछड़े नेताओं को लाकर बढ़ाती है तो उसे इससे मनोवैज्ञानिक बढ़त तो हासिल होगी ही साथ ही गठबंधन की सूरत में कांग्रेस से सीटों को लेकर होने वाली बातचीत में बेहतर मोलभाव हो सकेगा।

पार्टी की कोशिश है कि जातीय जनगणना के मुद्दे को इतना गर्मा दिया जाए कि पिछड़ों व अतिपिछड़ों का अधिकतम वोट अपने पाले में लाया जाए। पार्टी ने पीडीए यानी पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक का मुद्दा अब बड़े अभियान के तौर पर आगे बढ़ा रही है। इस बीच पार्टी ने अपने पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ का पुनर्गठन कर संगठन का विस्तार किया है।

सपा ओम प्रकाश राजभर के चले जाने थोड़ी चिंतित तो है क्योंकि पूर्वांचल में सुभासपा समर्थक राजभर वोट उसके पाले में जुड़ते थे वह अब भाजपा में जुड़ेंगे। पर दारा सिंह चौहान के मामले में ऐसा नहीं है। सूत्र बताते हैं कि दारा सिंह चौहान तो विधायक सपा से बने जरूर थे लेकिन यहां वह एडजस्ट नहीं हो पा रहे थे।

जातीय जनगणना के  मुद्दे को गरमाने की  तैयारी में सपा

विधानसभा चुनाव के बाद हुए राज्यसभा चुनाव में पार्टी ने क्रॉस वोटिंग करने वाले जिन तीन विधायकों को चिन्हित किया था। उनमें दारा सिंह चौहान का नाम भी पार्टी ने पता लगा लिया था। सपा के गठबंधन में अब रालोद के अलावा अपना दल कमेरावादी व जनवादी पार्टी हैं। भीम आर्मी भी साथ आ चुकी है। ऐसे में अपना दल कमेरावादी व जनवादी पार्टी ही पूर्वांचल में कुछ सीटों तक आधार रखती हैं।

पूर्वी यूपी की 21 सीटों में सपा यूं तो पिछली बार केवल एक सीट आजमगढ़ ही जीती थी। उपचुनाव में सपा भी वह भी हार गई लेकिन जब 2022 के विधानसभा चुनाव हुए तो कई लोकसभा क्षेत्रों वाली सीटों में पार्टी ने विधानसभा सीटे जीत लीं।

पार्टी को अब  कौशांबी, जौनपुर, गाजीपुर, घोसी, लालगंज, मऊ, बस्ती, बलिया, जैसी सीटों पर उम्मीदें बढ़ी हैं, इसकी वजह है कि पार्टी ने विधानसभा चुनाव में यहां बेहतर प्रदर्शन किया। इस तरह सपा ने पिछले चुनाव में पूर्वांचल में 135  विधानसभा सीटों में 44 सीटें जीत अपना प्रभाव दिखाया था

Also Read : संघीय ढांचे को कमजोर कर रही भाजपा: कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी

Get real time updates directly on you device, subscribe now.