चंद्रयान-3 मिशन के प्रक्षेपण की उलटी गिनती शुरू, आज फिर इतिहास रचने की तैयारी में भारत
Sandesh Wahak Digital Desk : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि देश के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण के लिए 25.30 घंटे की उलटी गिनती गुरुवार को श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र में शुरू हो गई।
इसरो ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, एलवीएम3एम4-चंद्रयान-3 मिशन शुक्रवार यानी आज अपराह्न दो बजकर 35 मिनट पर किए जाने वाले प्रक्षेपण की उलटी गिनती शुरू हो गई है। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि चंद्रयान-3 कार्यक्रम के तहत इसरो अपने चंद्र मॉड्यूल की मदद से चंद्र सतह पर सॉफ्ट-लैंडिंग और चंद्र भूभाग पर रोवर के घूमने का प्रदर्शन करके नई सीमाएं पार करने जा रहा है। एलवीएम3एम4 रॉकेट इसरो के महत्वाकांक्षी चंद्रयान-3 को चंद्र यात्रा पर ले जाएगा। इस रॉकेट को पूर्व में जीएसएलवीएमके3 कहा जाता था।
यह मिशन भविष्य के अंतरग्रही अभियानों के लिए होगा सहायक
भारी उपकरण ले जाने की इसकी क्षमता के कारण अंतरिक्ष वैज्ञानिक इसे फैट बॉय भी कहते हैं। अगस्त के अंत में चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग की योजना बनाई गई है। उम्मीद है कि यह मिशन भविष्य के अंतरग्रही अभियानों के लिए सहायक होगा। गौरतलब है कि चंद्र मिशन वर्ष 2019 के चंद्रयान-2 का अनुवर्ती मिशन है। चंद्रयान-2 मिशन के दौरान अंतिम क्षणों में लैंडर विक्रम पथ विचलन के चलते सॉफ्ट लैंडिंग करने में सफल नहीं हुआ था। यदि इस बार इस मिशन में सफलता मिलती है तो भारत ऐसी उपलब्धि हासिल कर चुके अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ जैसे देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा।
क्या है मिशन का उद्देश्य
तीसरे चंद्र मिशन के माध्यम से इसरो के वैज्ञानिकों का लक्ष्य विभिन्न क्षमताओं का प्रदर्शन करना है, जिनमें चंद्रमा की कक्षा तक पहुंचना, लैंडर का उपयोग करके चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट-लैंडिंग करना और चंद्रमा की सतह का अध्ययन करने के लिए लैंडर से एक रोवर का निकलना और फिर इसका चंद्र सतह पर घूमना शामिल है।
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