भ्रष्टों पर फुल टॉलरेंस : यूपी में तैनात आईआरएस अफसरों को बचाने का खेल
अरबों के घोटालों में फंसे आरोपियों का प्रमोशन, डीजी विजिलेंस के दफ्तर में दम तोड़ रहीं भ्रष्टाचार की जांचें
Sandesh Wahak Digital Desk/Manish Srivastava : उत्तर प्रदेश की आईआरएस लॉबी बेहद ताकतवर है। इस लॉबी को दागी आईआरएस को बचाने में महारथ हासिल है। दागी अफसरों का प्रमोशन करके उनकी हौसला अफजाई की जाती है।
शुक्रवार को प्रिंसिपल कमिश्नर महेंद्र रंगा को चीफ कमिश्नर के पद पर प्रमोशन दिया गया। रंगा और एडिशनल कमिश्नर विवेक जैन के भ्रष्टाचार के खिलाफ केंद्रीय मंत्री भानु प्रताप वर्मा ने वित्त मंत्री से शिकायत करते हुए जांच की मांग की थी। दोनों अफसर जब सेंट्रल जीएसटी लखनऊ में तैनात थे तो एसवीएलडीआरएस के तहत एलडीए के 800 करोड़ के बकाये को नियम विपरीत कम करके विभाग को 207 करोड़ के राजस्व का झटका दिया था।
सीएजी ने भी ऑडिट के दौरान योजना से जुड़ी फाइलें न दिखाने पर सीजीएसटी के शीर्ष अफसरों को कड़ा पत्र भेजा था। लगता है दिल्ली में डीजी विजिलेंस की जांच भी दफन हो गई। इसी तरह लखनऊ एयरपोर्ट पर पकड़े गए करोड़ों के सोना तस्करी काण्ड में तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर कस्टम निहारिका लाखा की भूमिका भी संदिग्ध थी।
सीजीएसटी लखनऊ में तैनात रहे डिप्टी कमिश्नर भीम रतन रावत की भी जांच नहीं
एयरपोर्ट पर उनके अधीन रहे कस्टम के अधीक्षक लवकेश वर्मा ने तत्कालीन कमिश्नर कस्टम वेद शुक्ला को भेजे पत्र में लाखा की भूमिका पहले ही संदिग्ध बताई थी। आईआरएस लॉबी ने न सिर्फ लाखा को बचाया बल्कि उनका प्रमोशन सीधे जॉइंट कमिश्नर के पद पर भी करवा दिया। इसी तरह यूपी सिडको के एक एक्सईएन ने कमिश्नर ऑडिट जीएसटी लखनऊ मंजूर अली अंसारी की शिकायत की थी।
इस मामले में भी जांच की जगह उलटे शिकायतकर्ता एक्सईएन को ही अटैच कर दिया गया। यही नहीं ईडी में डिप्टी कमिश्नर रैंक में एक अफसर के भ्रष्टाचार की शिकायत केंद्रीय सतर्कता आयुक्त से की गयी। आईआरएस का बाल बांका तक नहीं बिगड़ा। इसी तरह प्रयागराज में डिप्टी कमिश्नर कस्टम रहे रोहित कुमार के भ्रष्टाचार की भी दर्जनों शिकायतें हुईं, लेकिन जांच नहीं हुई, सिर्फ उन्हें हटाकर बरेली भेज दिया गया। सीजीएसटी लखनऊ में तैनात रहे डिप्टी कमिश्नर भीम रतन रावत की भी जांच नहीं हुई।
भ्रष्ट आईआरएस सचिन सावंत से लेकर संसार चंद तक धरे गये
हाल ही में ईडी ने आईआरएस सचिन सावंत को 500 करोड़ की हेराफेरी में गिरफ्तार किया है। ये अफसर लखनऊ में एडिशनल कमिश्नर अपील जैसी मलाईदार पोस्टिंग पर किसके कहने पर पोस्ट कराया गया। 2018 में एक करोड़ की घूसखोरी में सीबीआई ने कानपुर के सीजीएसटी कमिश्नर संसार चंद समेत तीन अफसरों को पकड़ा था। सभी हवाला के जरिये उगाही का संगठित गिरोह चला रहे थे।
वहीं तीन वर्ष पहले सीबीआई ने सीबीडीटी को पत्र लिखकर आयकर विभाग लखनऊ में तैनात एडिशनल कमिश्नर के खिलाफ कार्रवाई के लिए स्वीकृति मांगी थी। घूसखोर आयकर इंस्पेक्टर धर्मशील अग्रवाल की जांच में इस आईआरएस के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले थे।
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