शिवपाल के बहाने पूर्वी यूपी पर सपा की पैनी नजरें, अखिलेश यादव ने बनाया ये प्लान

2019 के चुनाव में अखिलेश के आजमगढ़ से उतरने पर सपा-बसपा गठबंधन को इस क्षेत्र में हुआ था फायदा, शिवपाल के उतरने से पार्टी को पूर्वी यूपी की कई सीटों पर फायदा मिल सकता है।

Sandesh Wahak Digital Desk: मिशन 2024 को फतह करने के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) ने अपना अभियान तेज कर दिया है। हर जिले में संगठन की बैठकें हो रही हैं। बूथ जीतने पर जोर दिया जा रहा है। प्रदेश मुख्यालय में भी हर जिले से पदाधिकारियों को बुलाकर प्रत्याशियों के नाम पर राय ली जा रही है। इसी कड़ी में आजमगढ़ से पहुंचे पदाधिकारियों की राय ली गई तो शिवपाल यादव का नाम सबसे ऊपर नजर आया। ऐसे में माना जा रहा है कि मुलायम परिवार के चौथे सदस्य के रूप में शिवपाल यादव यहां से सपा के प्रत्याशी हो सकते हैं।

माना जा रहा है कि भाजपा से यह सीट फिर से छीनने के लिए मुलायम परिवार का ही कद्दावर नेता चाहिए होगा। ऐसे में अखिलेश-डिंपल के बाद शिवपाल का ही नाम सबसे मुफीद लग रहा है। सपा का मानना है कि आजमगढ़ से शिवपाल के उतरने का फायदा पूर्वी यूपी की कई सीटों पर सपा को मिल सकता है। खासकर आजमगढ़ से सटी मऊ, बलिया, जौनपुर, गाजीपुर सीटों पर सपा परचम लहरा सकती है।

एक तीर से कई निशाना लगाने चाहती है सपा

2019 के चुनाव में अखिलेश के आजमगढ़ से उतरने पर सपा-बसपा गठबंधन को इस क्षेत्र में फायदा हुआ था। आजमगढ़ के साथ ही इससे सटी गाजीपुर और घोसी सीटें भी सपा-बसपा ने जीत ली थीं। सपा किसी तरह इस सीट को भाजपा से छीनकर दोबारा अपनी झोली में डालना चाहती है। शिवपाल को यहां से उतारकर वह एक तीर से कई निशाने लगाने की भी तैयारी कर रही है। यादव और मुस्लिम बहुल्य आजमगढ़ लोकसभा सीट सपा का गढ़ मानी जाती रही है। अखिलेश यादव चुनाव लड़े और सांसद बन चुके हैं। मुलायम सिंह यादव ने 2014 के मोदी लहर में भी इस सीट को जीतने में सफलता हासिल की थी। 2019 में अखिलेश यादव इस सीट से मैदान में उतरे और जीत हासिल की थी।

निरहुआ ने धर्मेंद्र को हराकर सपा से छीनी थी सीट

2022 के विधानसभा चुनाव में मैनपुरी से जीत हासिल करने के बाद अखिलेश ने यहां से इस्तीफा दे दिया था। परिवार के ही सदस्य धर्मेंद्र यादव को उपचुनाव में प्रत्याशी बनाया लेकिन भाजपा के दिनेश लाल यादव निरहुआ ने धर्मेंद्र को हराकर सपा से यह सीट छीन ली थी। सपा के हाथ से यह सीट निकलना अखिलेश यादव के लिए बड़ा झटका था। इस सीट पर जीत को लेकर अखिलेश इतना कांफिडेंट थे कि प्रचार करने भी नहीं पहुंचे थे।

आजमगढ़ से डिम्पल अखिलेश के लडऩे की संभावना नहीं

डिंपल पहले ही मुलायम सिंह यादव की विरासत मैनपुरी सीट संभाल चुकी हैं। अगली बार भी उनके मैनपुरी से ही उतरने की संभावना है। अखिलेश लोकसभा से इस्तीफा देकर विधानसभा में रहने का फैसला कर चुके हैं। ऐसे में शिवपाल ही वह नाम हैं जो आजमगढ़ से उतरकर भाजपा को कड़ी चुनौती दे सकते हैं।

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