बेटे को जीभ के ईलाज के लिए कराया था भर्ती, डॉक्टर ने प्राइवेट पार्ट का कर दिया ऑपरेशन
वैसे तो डॉक्टर भगवान का स्वरुप माना जाता है लेकिन कभी-कभी डॉक्टर भी ऐसा काम कर जाते हैं कि उन्हें हैवान कहना पड़ता है।
Sandesh Wahak Digital Desk: वैसे तो डॉक्टर भगवान का स्वरुप माना जाता है लेकिन कभी-कभी डॉक्टर भी ऐसा काम कर जाते हैं कि उन्हें हैवान कहना पड़ता है। कुछ ऐसा ही कारनामा बरेली में एक अस्पताल से सामने आया है जहाँ डॉक्टर पर आरोप है कि ढाई साल के बच्चे का जीभ के तुतने का ऑपरेशन होना था लेकिन उसकी जगह डॉक्टर ने बच्चे के प्राइवेट पार्ट का ऑपरेशन कर दिया। जब परिवार के लोगों को इसका पता चला तो हंगामा मच गया।
मामले को बढ़ता देख अस्पताल प्रबंधन द्वारा परिवार के लोगों पर समझौते का दबाव बनाया गया लेकिन पीड़ित परिवार चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहा है।
हिंदूवादी संगठन भी मौके पर पहुंचे
मिली जानकारी के अनुसर बरेली के थाना बारादरी के संजय नगर निवासी हरीमोहन यादव का ढाई साल का बेटा सम्राट बोल नहीं पाता था। किसी की सलाह पर पीड़ित परिवार बेटे की जीभ का ऑपरेशन डेलापीर स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया। हरीमोहन यादव का आरोप है कि डॉक्टर ने उनके बेटे का तुतने का ऑपरेशन करने के बजाय ऑपरेशन (खतना) कर दिया। जब उन्हें इस बारे में पता चला तो वह हैरान रह गए। इसके बाद तुरंत ही घटना की सूचना मिलते ही हिंदू जागरण मंच के नेता मौके पर पहुंच गए।
परिवार ने डॉक्टर पर लगाया बड़ा आरोप
हरीमोहन का आरोप है कि चिकित्सक ने यह कृत्य जानबूझकर किया है। अस्पताल वाले उन पर समझौते का दबाव बना रहे थे लेकिन वह आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई करेंगे, जिससे आगे जाकर इस तरह से डॉक्टर अन्य किसी के साथ ऐसी घटना को अंजाम ना दे सकें।
वहीं एसपी सिटी राहुल भाटी ने बताया कि इस संबंध में एक प्रार्थना पत्र प्राप्त हुआ है। प्रार्थना पत्र की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गई है। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम विधिक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
इस मामले पर डॉक्टर का कहना है कि जो जिस बच्चे का इलाज होना था उसे यूरिन से रिलेटेड प्रॉब्लम थी और इस बीमारी को फाइमोसिस कहते हैं। उस बीमारी का इलाज सरगमसीजन से होता है। रिलिजन से इसका कोई ताल्लुक नहीं है। किसी भी धर्म का होगा अगर फाइमोसिस है तो उसका इलाज सरगमसीजन ही है, जिसको हिंदी में खतना भी कहते हैं।
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