Mission 2024: युवा चेहरों को चुनावी मैदान में तरजीह देगी भाजपा
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लोकसभा चुनाव के लिए खासतौर पर युवा चेहरों की तलाश शुरू कर दी है। शीर्ष नेतृत्व की मंशा है कि उम्रदराज माननीयों को टिकट पाने के लिए अपने आपको सिद्ध करना पड़ेगा।
Sandesh Wahak Digital Desk: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लोकसभा चुनाव के लिए खासतौर पर युवा चेहरों की तलाश शुरू कर दी है। शीर्ष नेतृत्व की मंशा है कि उम्रदराज माननीयों को टिकट पाने के लिए अपने आपको सिद्ध करना पड़ेगा। इसलिए भाजपा के अंदर सांगठनिक टीम प्रत्येक सांसद का रिपोर्ट कार्ड तैयार कर रही है। उम्रदराज सांसदों को सिर्फ उनकी लोकप्रियता का आधार ही टिकट दिलाने में सक्षम साबित होगा। वहीं मिशन 2024 में भी निकाय चुनाव की तर्ज पर भाजपा परिवारवाद से दूर रहेगी।
भाजपा की नजर कमजोर स्थिति वाले सांसदों पर भी है। बाकायदा शीर्ष नेतृत्व तक ऐसे सांसदों से संसद के मानसून सत्र में विचार-विमर्श की रणनीति तैयार करने में जुटा है। भाजपा लोकसभा चुनावों के लिए अपनी जमीनी तैयारियों को धीरे-धीरे आगे बढ़ा रही है। उत्तर प्रदेश में भाजपा की सारी रणनीति अब सिर्फ लोकसभा चुनावों के मुताबिक तय हो रही है। पार्टी सांसदों की लोकप्रियता का भी आकलन किया जा रहा है।
एक तिहाई सांसदों का रिपोर्ट कार्ड पास होने लायक नहीं
सूत्रों के अनुसार, लगभग 30 फीसदी सांसदों की अपने क्षेत्रों में लोकप्रियता घटी है। आम जनता के साथ पार्टी कार्यकर्ता भी इनके कामकाज से ज्यादा खुश नहीं है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी संगठन और जनता में सासंदों की लोकप्रियता को मुख्य आधार बनाएगी। इसके लिए वह कई स्तरों पर सर्वे और संवाद से जानकारी भी जुटा रही है। पार्टी ने इस बात के भी संकेत दिए हैं कि उम्र का बंधन व परिजनों को टिकट देने पर लचीला रुख अपनाया जाएगा। ऐसे में जीत की प्रबल संभावना वाले उम्मीदवारों को अन्य कारकों पर वरीयता दी जाएगी। हालांकि पार्टी परिवारवाद को बढ़ावा नहीं देगी। साथ ही नए लोगों को भी ज्यादा मौका देगी।
गौरतलब है कि भाजपा ने काफी समय पहले से ही अपनी हारी हुई और कुछ कमजोर सीटों के लिए तैयारी शुरू कर दी थी। इनमें भाजपा ने अपने संगठन व जनता में पैठ को काफी मजबूत भी किया है। हालांकि दूसरी तरफ सूत्रों का कहना है कि उसके मौजूदा सांसदों में लगभग एक-तिहाई की रिपोर्ट अच्छी नहीं है। चूंकि भाजपा ने 2014 व 2019 में दो चुनाव जीते हैं और उसकी सीटें भी बढ़ी हैं। ऐसे में पार्टी अपनी मौजूदा सीटों के साथ नए क्षेत्रों में भी बढऩे की कोशिश में हैं।
यूपी से कई ‘रास सांसद’ भी आजमाएंगे भाग्य
भाजपा के कई राज्यसभा सांसदों को इस बार यूपी से मिशन 2024 के लिए चुनावी मैदान में उतारने की पुरजोर तैयारी चल रही है। जिसमें मोदी सरकार के कई मंत्री भी शामिल हैं। जिन्होंने चुनाव 2019 में नहीं लड़ा था। लेकिन इस बार खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफतौर पर सभी से चुनाव लडऩे की बात कही है। वहीं यूपी सरकार के कई मंत्री भी लोस चुनाव में भाग्य आजमाएंगे।
भाजपा के कई नेता बन सकते हैं विभीषण
निकाय चुनाव में भाजपा ने परिवारवाद को दबाव के बावजूद स्वीकार नहीं किया। मिशन 2024 को लेकर भी पार्टी के भीतर से यही संकेत सामने आ रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक अपनों को टिकट नहीं मिलने पर भाजपा के कई नेता पार्टी के लिए विभीषण साबित हो सकते हैं। बगावत के सुर बुलंद होने से भाजपा की मुश्किलें भी बढ़ेंगी। हालांकि भाजपा के अंदर प्रवेश समिति कई दलों के बड़े नेताओं के सम्पर्क में है। निकाय चुनाव की तर्ज पर इन गैर भाजपाई नेताओं को जल्द ही पार्टी में प्रवेश दिलाया जाएगा। जिन्हे लोकसभा उम्मीदवार भी बनाया जा सकता है।
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