केंद्र सरकार ने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम का नाम बदला, भड़की कांग्रेस
Sandesh Wahak Digital Desk: भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के प्रति राजनीतिक विवाद अब उनके स्मारक म्यूजियम और पुस्तकालय को लेकर उभर रहा है। इस विवाद के चलते नेहरू स्मारक म्यूजियम और पुस्तकालय को अब प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम एंड सोसाइटी (PMMS) के तौर पर जाना जाएगा। गुरुवार को एनएमएमएल सोसायटी की बैठक में इस निर्णय की घोषणा की गई, जिसकी अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने नेहरू स्मारक म्यूजियम और पुस्तकालय के नाम में बदलाव का विरोध किया है। उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूं कि जो लोग स्वतंत्रता संग्राम और आधुनिक भारत के निर्माण में जवाहर लाल नेहरू के योगदान को मिटाना चाहते हैं, वे एक बार नेहरू की गहराई को समझने के लिए ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ और ‘विश्व इतिहास’ की झलक पढ़ें। उन्होंने कहा, “इमारतों का नाम बदलने से विरासत नहीं मिटती।”
जयराम रमेश ने ट्वीट करके केंद्र सरकार को निशाना साधा
विवाद के इस मुद्दे पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्वीट करके केंद्र सरकार को निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट किया, “नेहरू स्मारक म्यूजियम और पुस्तकालय के नाम के पुनर्निर्धारण का फैसला दुखद है। यह साहित्य, विज्ञान, इतिहास और राजनीति की गहरी रिश्तेदारी के प्रतीक है। नामांकन से नहीं छिन जाएगा नेहरू का योगदान।”
जानकारी के लिए आपको बता दें कि नेहरू स्मारक म्यूजियम और पुस्तकालय सोसाइटी के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, और इसके सदस्यों में केंद्रीय मंत्री अमित शाह, निर्मला सीतारमण, धर्मेंद्र प्रधान, जी किशन रेड्डी, अनुराग ठाकुर भी शामिल हैं। इस स्मारक म्यूजियम की नींव 1929-30 में रखी गई थी.