दिमाग की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है तनाव, जानें कैसे
इंसान का दिमाग तमाम नसों से जुड़ा होता है और इसमें आने वाली थोड़ी सी गड़बड़ी तनाव को बढ़ा देती है और पूरे शरीर के कामकाज को प्रभावित कर सकती है।
Sandesh Wahak Digital Desk: इंसान का दिमाग तमाम नसों से जुड़ा होता है और इसमें आने वाली थोड़ी सी गड़बड़ी तनाव को बढ़ा देती है और पूरे शरीर के कामकाज को प्रभावित कर सकती है। दिमाग की नसों में जब गड़बड़ी के संकेत मिलते हैं तो अचानक से कोई नाम भूल जाना, फोन, चाबी, चश्मा या रोजमर्रा में उपयोग की जाने वाली चीजों को रखकर भूल जाना एक आम समस्या हो जाती है। इसके कई कारण हो सकते हैं, लेकिन कुछ मामलों में यह समस्या खतरनाक हो जाती है।
न्यूयॉर्क स्थित इरविन मेडिकल सेंटर की न्यूरोसाइकोलॉजिस्ट एलिस कैकापोला के मुताबिक, जब आप ऐसे काम भूलने लगें जिन्हें लंबे समय से करते आए हैं तो यह मस्तिष्क की समस्या से जुड़ी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। आईये जानते हैं आखिर ज्यादा तनाव दिमाग को किस तरह प्रभावित करता है और आप चीजों को भूलने लगते हैं।
डिप्रेशन और एंग्जायटी
लगातार तनाव की स्थिति में शरीर ऐसे हार्मोन रिलीज करता है जो कोशिकाओं को नष्ट करता है। मस्तिष्क की सामंजस्य बैठाने की क्षमता प्रभावित होती है। नतीजा याददाश्त घटती है।
नींद की कमी
जर्नल स्लीप मेडिसिन के अध्ययन में पाया गया कि ऐसे लोग जिनकी नींद रात में लगातार टूटती है उनके अटेंशन, वर्किंग मेमोरी, और मस्तिष्क की कार्य प्रणाली में उल्लेखनीय कमी आती है।
सुनने से संबंधित समस्या
दरअसल कम सुनाई देने की स्थिति में मस्तिष्क को अधिकांश मेहनत बातों को सुनने और समझने के लिए करनी पड़ती है, जिससे याददाश्त प्रभावित होती है।
मल्टी टास्किंग
किसी भी काम के दौरान ध्यान और नियंत्रण से संबंधित मस्तिष्क के कई नेटवर्क काम करते हैं। मल्टी टास्किंग में ये नेटवर्क बाधित होते हैं, जिससे याददाश्त प्रभावित होती है।
दवाइयां
एंजाइटी, कोलेस्ट्रॉल, दर्द, ब्लड प्रेशर, नींद से संबंधित दवाएं और कुछ प्रकार का नशा मस्तिष्क के न्यूरोट्रांसमीटर्स को ब्लॉक करते हैं। साथ ही मस्तिष्क की प्रोसेसिंग स्लो करते हैं।
भोजन में पोषण की कमी
शोध बताता है कि भोजन में पोषण की कमी से न्यूरॉन्स को क्षति पहुंचती है। हरी पत्तेदार सब्जियां, ग्रीन टी और टमाटर में पाए जाने वाले फ्लेवोनॉयड्स मस्तिष्क की क्षमता बढ़ाते हैं।
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