World Blood Donor Day: रक्तदान करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
अमूमन लोगों में यह धारणा रहती है रक्तदान (blood donation) करने से कमजोरी होती है। इसलिए रक्तदान करने से लोग कुछ ज्यादा ही घबराते हैं।
Sandesh Wahak Digital Desk: अमूमन लोगों में यह धारणा रहती है रक्तदान (blood donation) करने से कमजोरी होती है। इसलिए रक्तदान करने से लोग कुछ ज्यादा ही घबराते हैं। लेकिन यह नहीं सोचते कि जिस तरीके बूंद-बूंद कर जल को बचाया जा सकता है ठीक उसी तरह से बूंद-बूंद रक्त देकर किसी दूसरे लोगों की जान भी बचाई जा सकती है।
खून का दान (blood donation) करना हमेशा से ही अच्छा माना गया है। इस दान से लोगों को जिंदगी बचती है। खून का दान करने के ना सिर्फ शरीर को लाभ होते हैं बल्कि मानसिक संतुष्टि भी मिलती है, कि इस एक कदम से चार की जान बच पाई। रक्तदान जितना फायदा उस जरूरतमंद को देता है, उससे कहीं ज्यादा फायदा रक्तदान करने वाले को मिलता है।
शोध के मुताबिक लगातार रक्तदान करने से कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा दूर रहता है। यही नहीं, ऐसा करने से हमारे खून में कोलेस्ट्रॉल (blood cholesterol) जमा नहीं होता है और साथ ही जो वायरस हमारे शरीर में अपनी जगह बना लेते हैं, वो भी रक्तदान के दौरान शरीर से बाहर निकल जाते हैं। जब ब्लड बैंक में रक्त रहेगा तो जरूरत पड़ने पर लोगों की जिंदगी भी बचाई जा सकती है। रक्तदान को विशेष बनाने के लिए दुनियाभर में 14 जून को विश्व रक्तदान दिवस मनाया जाता है। लोग रक्तदान दिवस पर बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते है तथा उत्साह पूर्वक रक्तदान करते है।
कौन-कौन कर सकता है रक्तदान?
एक स्वस्थ व्यक्ति जिसकी उम्र 18 से 65 वर्ष के बीच हो, उसका ह्यूमोग्लोबिन 12.5 प्रतिशत से ज्यादा हो और कम से कम 45 किलोग्राम उसका वजन हो तो वो व्यक्ति रक्तदान कर सकता है। अगर किसी व्यक्ति का शुगर 225 तक है और वो इंसुलिन न लेता हो तो वो भी रक्तदान कर सकता है।
जब रक्तदान करते हैं तो इससे चार लोगों तक की जान बचाई जा सकती है। जब एक ब्लड यूनिट के चार हिस्से कर दिए जाएं, उनके रेड ब्लड सेल और वाइट ब्लड सेल अलग-अलग हो जाएंगे और प्लास्मा भी अलग हो जाएंगे तो उसके बाद वो चार लोगों के काम आ सकता है।
मधुमेह की बीमारी वाले कैसे करें रक्तदान
अगर किसी व्यक्ति की शुगर 225 तक है और वो इंसुलिन न लेता हो तो वो रक्तदान कर सकता है। इसके अलावा अगर किसी की शुगर ज्यादा है तो उसका रक्त किसी ऐसी इंसान को ही चढ़ाया जाता है जिसको शुगर की समस्या हो।मधुमेह यानी शुगर की बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए भी रक्तदान काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।
Blood Donation करने के फायदे
- रक्तदान से हार्ट अटैक कि संभावनाएं कम होती हैं, क्योंकि रक्तदान से खून का थक्का नहीं जमता, इससे खून कुछ मात्रा में पतला हो जाता है और हार्ट अटैक का खतरा टल जाता है।
- खून का दान करने से वजन कम करने में मदद मिलती है, इसीलिए हर साल कम से कम 2 बार रक्तदान करना चाहिए।
- रक्तदान से शरीर में एनर्जी आती है, क्योंकि दान के बाद नए ब्लड सेल्स बनते हैं, जिससे शरीर में तंदरूस्ती आती है।
- खून डोनेट करने से लिवर से जुड़ी समस्याओं में राहत मिलती है, शरीर में ज़्यादा आइरन की मात्रा लिवर पर दवाब डालती है और रक्तदान से आइरन की मात्रा बैलेंस हो जाती है।
- आइरन की मात्रा को बैलेंस करने से लिवर हेल्दी बनता है और कैंसर का खतरा भी कम हो जाता है।
- डेढ़ पाव खून का दान करने से आपके शरीर से 650 कैलोरीज़ कम होती है।
खून देने से पहने इन बातों का रहे ध्यान
- रक्तदान 17 साल की उम्र के बाद ही करें।
- रक्तदाता का वज़न 45 से 50 किलोग्राम से कम ना हो।
- खून देने से 24 घंटे पहले से ही शराब, धूम्रपान और तम्बाकू का सेवन ना करें।
- खुद की मेडिकल जांच के बाद ही रक्तदान करें और डॉक्टर को सुनिश्चित करें कि आपको कोई बीमारी ना हो।
- खून के दान करने से पहले अच्छी नींद लें, तला खाना और आइस क्रीम अवॉइड करें।
- शरीर में आइरन कि मात्रा भरपूर रखें, इसके लिए दान से पहले खाने में मछली (यदि खाते हों तो), बीन्स, पालक, किशमिश या फिर कोई भी आइरन से भरपूर चीज़ें खाएं।
इसमें ये ध्यान रखने की जरूरत होती है कि एक रक्तदान व दूसरे रक्तदान के बीच तीन महीना समय का गैप रहे। आप अपने चिकित्सक से बातचीत करके कदम आगे बढ़ा सकते हैं।
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