यूपी की सियासत: अब जातीय समीकरण बनाने में जुटी Congress
सपा और बसपा की तर्ज पर अब प्रदेश कांग्रेस (Congress) भी जातीय समीकरण को आधार बनाकर सियासत को गर्म करने में जुट गई है। कर्नाटक में विजय के बाद कांग्रेस का मनोबल ऊंचा हो गया है।
Sandesh Wahak Digital Desk/Rakesh Yadav: सपा और बसपा की तर्ज पर अब प्रदेश कांग्रेस (Congress) भी जातीय समीकरण को आधार बनाकर सियासत को गर्म करने में जुट गई है। कर्नाटक में विजय के बाद कांग्रेस का मनोबल ऊंचा हो गया है। प्रदेश कांग्रेस ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अवध प्रांत की 14 लोकसभा सीटों के लिए प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं। इन प्रभारियों को निकाय चुनाव की तरह लोकसभा के अंतर्गत आने वाली सभी विधानसभाओं की भौगोलिक एवं जातीय स्थिति का ब्योरा पेश करने का निर्देश दिया गया है। इस आंकलन के बाद ही प्रत्याशियों का चयन किया जाएगा।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जबरदस्त जीत के बाद अब उत्तर प्रदेश में कांग्रेस (Congress in Uttar Pradesh)के लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। वर्ष-2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर प्रदेश कांग्रेस ने कमर कस ली है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने बीते दिनों अवध प्रांत की लोकसभा सीट के लिए वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को आकलन की जिम्मेदारी सौंपी गई।
- नकुल दूबे को रायबरेली
- सतीश अजमानी को मिश्रिख
- डॉ. मसूद को कैसरगंज
- इंदल रावत को बहराइच
- वीरेंद्र मदान को लखनऊ
- द्विजेंद्र त्रिपाठी को बाराबंकी
- प्रमोद सिंह को उन्नाव
- विजय बहादुर को हरदोई
- वीरेंद्र पांडेय को सीतापुर
- अमरनाथ अग्रवाल को लखीमपुर
- अमित श्रीवास्तव त्यागी को धौरहरा
- नसीम खां को गोंडा
- डॉ. अजय शुक्ला को श्रावस्ती
- राजेंद्र शुक्ला को राजधानी की मोहनलालगंज
बूथवार स्थिति का आंकलन करेंगे Congress पदाधिकारी
बताया गया है कि जिम्मेदारी पाए इन कांग्रेस नेताओं (Congress Leaders)को लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली पांचों विधानसभा क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति के साथ जातिवार स्थिति को पता करना है। इसके साथ ही इस क्षेत्रा में बीते पांच चुनावों में कांग्रेस पार्टी की क्या स्थिति रही के बारे में भी जानकारी प्राप्त करना है। इसके अलावा लोकसभा चुनाव में सक्रिय पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की सूची के साथ विधानसभा क्षेत्रों में संगठन की बूथवार स्थिति का आकलन भी करना होगा।
वहीं इन लोकसभा क्षेत्रों में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का प्रभाव कैसा रहा और फ्रंटल संगठनों की क्या भूमिका है। बसपा और सपा की स्थिति के साथ जिम्मेदार पदाधिकारियों को भाजपा के कायों से हो रही उत्पन्न हुई स्थिति को एकत्र कर रिपोर्ट देनी होगी।
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