Sandesh Wahak Digital Desk: कांग्रेस (Congress) ने हरियाणा के कुरुक्षेत्र में सूरजमुखी के बीज की खरीद एमएसपी पर किए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस द्वारा कथित तौर पर बल प्रयोग किए जाने की निंदा करते हुए बुधवार को आरोप लगाया कि यह भाजपा के ‘किसान विरोधी चेहरे’ का प्रतीक है और अब भाजपा सरकार का नारा ‘पिटे किसान, जय धनवान’ है।
कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा (Congress MP Deepender Hooda) ने सरकार से आग्रह किया कि एमएसपी पर सूरजमुखी के बीज की खरीद सुनिश्चित की जाए और देश में एमएसपी की कानूनी गारंटी दी जाए। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, साफ हो चुका है कि यह सरकार न किसान की है, न जवान की है, न पहलवान की है। यह सरकार सिर्फ धनवान की है। भाजपा सरकार का नारा है-पिटे किसान, जय धनवान।
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा, लगभग एक साल चले किसान आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री ने तीनों काले कानून को वापस लेने की घोषणा की थी। सरकार ने इन कानूनों को वापस लेने के साथ ही किया वादा किया था कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी गारंटी दी जाएगी। इसे लेकर सरकार ने एक समिति भी बनाई थी।
उन्होंने आरोप लगाया, हरियाणा में जो हुआ है, वह किसान आंदोलन के साथ सरकार के विश्वासघात का प्रतीक है। यह भाजपा के किसान विरोधी चेहरे का प्रतीक है। यह हरियाणा सरकार के ‘लठतंत्र’ का प्रतीक है। हुड्डा ने कहा, हरियाणा की सत्ता पर ऐसे क्रूर लोग काबिज हैं, जिनके शासन में कोई ऐसा वर्ग नहीं है, जिस पर लाठीचार्ज न किया गया हो।
Sandesh Wahak Digital Desk: कांग्रेस (Congress) ने हरियाणा के कुरुक्षेत्र में सूरजमुखी के बीज की खरीद एमएसपी पर किए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस द्वारा कथित तौर पर बल प्रयोग किए जाने की निंदा करते हुए बुधवार को आरोप लगाया कि यह भाजपा के ‘किसान विरोधी चेहरे’ का प्रतीक है और अब भाजपा सरकार का नारा ‘पिटे किसान, जय धनवान’ है।
कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा (Congress MP Deepender Hooda) ने सरकार से आग्रह किया कि एमएसपी पर सूरजमुखी के बीज की खरीद सुनिश्चित की जाए और देश में एमएसपी की कानूनी गारंटी दी जाए। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, साफ हो चुका है कि यह सरकार न किसान की है, न जवान की है, न पहलवान की है। यह सरकार सिर्फ धनवान की है। भाजपा सरकार का नारा है-पिटे किसान, जय धनवान।
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा, लगभग एक साल चले किसान आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री ने तीनों काले कानून को वापस लेने की घोषणा की थी। सरकार ने इन कानूनों को वापस लेने के साथ ही किया वादा किया था कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी गारंटी दी जाएगी। इसे लेकर सरकार ने एक समिति भी बनाई थी।
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उन्होंने आरोप लगाया, हरियाणा में जो हुआ है, वह किसान आंदोलन के साथ सरकार के विश्वासघात का प्रतीक है। यह भाजपा के किसान विरोधी चेहरे का प्रतीक है। यह हरियाणा सरकार के ‘लठतंत्र’ का प्रतीक है। हुड्डा ने कहा, हरियाणा की सत्ता पर ऐसे क्रूर लोग काबिज हैं, जिनके शासन में कोई ऐसा वर्ग नहीं है, जिस पर लाठीचार्ज न किया गया हो।