गन्ना आयुक्त का एक और तुगलकी फरमान! अधिकारियों और कर्मचारियों की बढ़ी मुश्किलें
Sandesh Wahak Digital Desk/Rakesh Yadav : सेवानिवृत होने से ठीक 28 दिन पहले गन्ना आयुक्त ने गन्ना विभाग के लिए एक अजीबो गरीब आदेश जारी कर दिया। गन्ना आयुक्त के निर्देश पर अपर गन्ना आयुक्त प्रशासन के जारी तुगलकी आदेश से विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टी पर रोक लगा दी गई है। इस आदेश से विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। ग्रीष्म अवकाश के दौरान हुए आदेश को लेकर चर्चा है कि चहेते अधिकारियों और कर्मचारियों को सेवानिवृत्त होने से पूर्व अनाधिकृत तरीके से लाभ पहुंचाने के लिए यह आदेश जारी किया गया है।
विभागीय अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान समय में गन्ना विभाग एवं उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ में काडर रिफॉर्म का काम जोरशोर से चल रहा है। चर्चा है कि कार्डर रिफॉर्म के नाम पर कुछ पदों को समाप्त करने तथा ग्रेड पे कम करने की कवायद चल रही है।
संघ में अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या दिनोदिन कम होती जा रही
सूत्रों का कहना है चीनी मिल संघ के अधिकारियों और कर्मचारियों को लंबे समय से प्रमोशन नहीं दिए गए है। आए दिन कर्मचारियों के सेवानिवृत होने की वजह से संघ में अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या दिनोदिन कम होती जा रही है। कार्डर रिफॉर्म में पदों की संख्या कम होने और ग्रेड पे कम हो जाने से कर्मचारियों का मनोबल और टूट जायेगा।
गन्ना आयुक्त चीनी मिल संघ के अधिकारियों को प्रमोशन देने के बजाए कई दागदार सेवानिवृत अधिकारियों से संघ के कई मलाईदार अनुभाग संचालित करवा रहे हैं। सूत्रों की माने तो अपर मुख्य सचिव गन्ना विकास एवम चीनी उद्योग संजय भुसरेडी 30 जून को सेवानिवृत होने वाले हैं। सेवानिवृत्त होने से पहले वह अपने चहेते सेवानिवृत्त कर्मचारियों और अधिकारियों को भी मनमाने तरीके से 6 से 9 माह की संविदा की कार्य स्वीकृति दे दी गई है।
बकाया तीन महंगाई भत्ते की किस्तों का भुगतान नहीं
जिसमें सहकारी चीनी मिल संघ के दिल्ली गेस्ट हाउस के एक सेवानिवृत्त कर्मचारी को सीधे नौ माह की स्वीकृति दी गई है। इसी प्रकार चीनी मिल संघ के विवादित अधिकारी हर्ष वर्धन कौशिक एवं नानपारा चीनी के संविदा के महाप्रबंधक सहित कई अन्य संविदा पर नियुक्त किए गए अधिकारियो को भी 6-6 माह की कार्य स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।
सूत्रों के अनुसार इस आदेश के बाद वह अपने कई चहेते अधिकारियों को अनुचित लाभ देने की तैयारी में हैं। इसके साथ ही सहकारी चीनी मिलों के कर्मचारियों को वादा करने के बाद भी बकाया तीन महंगाई भत्ते की किस्तों का भुगतान नहीं दे रहे है। इससे कर्मचारियों में खासा आक्रोश व्याप्त है।
स्थानांतरण सत्र के बहाने लगाई रोक
अपर गन्ना आयुक्त प्रशासन प्रणय सिंह की ओर से दो जून को जारी हुए आदेश मे कहा गया है कि एसीएस गन्ना के सेवानिवृत होने तथा स्थानांतरण सत्र और राज्य गन्ना उत्पादन प्रतियोगिता के प्रशस्ति पत्र वितरण को लेकर सभी कर्मचारियों के अवकाश पर रोक लगा दी गई है। उल्लेखनीय है कि अपर मुख्य सचिव की पास आबकारी विभाग होने के कारण इसी तरह के तुगलकी फैसलों के कारण ही मुख्य सचिव ने आबकारी विभाग में एसीएस भूसरेड्डी के अधिकार सीज कर दिए गये है। उधर इस संबंध में जब संजय भूसरेड्डी से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो कई प्रयासों के बाद भी फोन नहीं उठाया।
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