समान नागरिक संहिता अन्य समुदायों के लिए भी नुकसानदेह : बोर्ड
ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव बने मौलाना फजलुर्रहीम मुजदिद्दी
Sandesh Wahak Digital Desk : ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने एक दिन पहले अपना नया मुखिया मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी को चुना है। उनके अध्यक्ष बनने के बाद बोर्ड में महासचिव का पद खाली हो गया था। इस पद पर सर्वसम्मति से रविवार को मौलाना फजलुर्रहीम मुजदिद्दी को चुना गया।
रविवार को मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बताया कि गुलबर्गा शरीफ दरगाह के सज्जादानशीन मौलाना शाह खुसरो हुसैनी और दिल्ली की जमात ए इस्लामी के प्रमुख मौलाना सदातुल्लाह बोर्ड के नए उपाध्यक्ष चुने गये हैं।
लखनऊ के नदवा कालेज के प्रमुख मौलाना बिलाल हसनी नदवी को सचिव बने
वहीं लखनऊ के नदवा कालेज के प्रमुख मौलाना बिलाल हसनी नदवी को सचिव बनाया गया है। आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड इंदौर के अपने अधिवेशन में कहा है कि समान नागरिक संहिता न केवल देश के मुसलमानों बल्कि अन्य समुदायों के लिए भी नुकसानदेह है इसलिए इस पर अमल नहीं किया जाना चाहिए।
इंदौर के महू स्थित मदरसा जामिया इस्लामिया बनजारी में आयोजित बोर्ड के दो दिवसीय अधिवेशन में पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि भारत के संविधान में सभी धर्मों और समुदायों को अपनी संस्कृति और परम्पराओं पर विश्वास रखने और उसी के अनुसार जीवन यापन करने की आजादी दी गई है। मगर समान नागरिक संहिता संविधान द्वारा दी गई इस आजादी का उल्लंघन करती है।
बोर्ड की कार्यकारिणी के सदस्य और लखनऊ के इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने रविवार को यह जानकारी दी है। बताते चलें कि मुस्लिम समुदाय के सबसे बड़े संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के इस अधिवेशन के पहले दिन शनिवार को मौजूदा महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी को निर्विरोध बोर्ड का नया अध्यक्ष चुना गया था। सभी 251 सदस्यों ने उनके नाम पर मुहर लगाई। वह तीन साल पद पर रहेंगे।
हैदराबाद के मौलाना रहमानी इस्लामिक कानून के बड़े जानकार माने जाते हैं और बोर्ड के पांचवें अध्यक्ष हैं। हैदराबाद में उनकी इस्लामिक फिकाह अकादमी संचालित होती है, जो शरीयत की शिक्षा देती है।
इस्लामी शरीयत के अनुसार परिवार की जिन्दगी गुजारें
बोर्ड की कार्यकारिणी के सदस्य और लखनऊ के इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बताया कि अधिवेशन के दूसरे दिन रविवार को पारित प्रस्ताव में मुसलमानों से अपील की गई है कि वह इस्लामी शरीयत के अनुसार अपनी और अपने परिवार की जिन्दगी गुजारें। अपने बच्चों को धार्मिक शिक्षा जरूर दिलवाएं और शादी ब्याह में गैर इस्लामी तौर तरीकों को न अपनाएं जैसे दहेज, फिजूलखर्ची आदि।
आधुनिक शिक्षा में नए महासचिव मौलाना फजलुर्रहीम का बड़ा योगदान
नवनिर्वाचित महासचिव व राजस्थान के जयपुर के मौलाना फजलुर्रहीम दीनी तालीम और आधुनिक शिक्षा के मैदान में अपने योगदान के लिए जाने जाते हैं। दिल्ली से लेकर जयपुर तक वो कई शिक्षण संस्थानों को संचालित करते हैं। यहां पर दीनी शिक्षा के साथ ही आधुनिक शिक्षा भी दी जाती है। दिल्ली में मौलाना सिविल सेवा की तैयारी के लिए सेंटर संचालित करते हैं, यहां पर गरीब मुस्लिम परिवार के बच्चों को निशुल्क तैयारी करवाने के साथ ही वहां ठहराने की व्यवस्था भी रहती है। बोर्ड के मौजूदा महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी के अध्यक्ष चुने जाने से महासचिव का पद खाली हो गया था।
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