गठबंधन करने के मूड में नहीं हैं मायावती, आखिर किसका बिगड़ेगा खेल?
लोकसभा चुनाव 2024 के पहले सबके मन में एक सवाल जरूर गूंज रहा है कि कया मायावती किसी पार्टी के साथ गठबंधन करने वाली है और अगर हां तो वो कौन सी पार्टी होगी।
Sandesh Wahak Digital Desk: लोकसभा चुनाव 2024 के पहले सबके मन में एक सवाल जरूर गूंज रहा है कि कया मायावती किसी पार्टी के साथ गठबंधन करने वाली है और अगर हां तो वो कौन सी पार्टी होगी। एक तरफ जहां लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पहले से ही जहां गठबंधन बनाने की कवायद शुरू हो गई है तो वहीं कई दल एक मंच पर साथ आने को तैयार हैं। अगर बात करें उत्तर प्रदेश की तो यहां स्थिती इसके बिल्कुल विपरीत है।
बसपा ने सपा और कांग्रेस के खिलाफ बिगुल फूंक रखा हैं। उधर सपा मुखिया अखिलेश यादव भी कई मौकों पर संकेत दे चुके हैं अगर कांग्रेस के साथ गठबंधन हुआ तो उसे राज्य में कुछ सीटें ही दी जाएंगी। वहीं दावा किया जा रहा है कि राज्य में कांग्रेस का जनाधार सिमट चुका है। अब यह देखना होगा की भाजपा के खिलाफ बनने वाले गठबंधन में कांग्रेस कितनी कुर्बानी देने को तैयार है। हालांकि ऐसा नहीं है कि यूपी में सिर्फ सपा और गठबंधन से ही बात बन जाएगी।
बिना बसपा से गठबंधन किये सपा का नहीं चलेगा काम
यह बात सच है कि बसपा को साल 2014 के बाद से लोकसभा चुनावों में भी मुंह की खानी पड़ी है लेकिन यह भी साफ है कि पार्टी का अपना वोट बैंक है। जानकारी के अनुसार कहा जाता है कि राज्य (उत्तर प्रदेश) में 20 फीसदी आबादी दलितों की हैं। वहीं 18 फीसदी मुस्लिम हैं। ऐसा माना जाता है कि बसपा के दलित वोट बैंक में बीजेपी ने सेंध लगा दी है। वहीं मुस्लिमों के वोट पर सपा और बसपा का हिस्सा साझा है। ऐसे में यह साफ़ है कि बिना बसपा के राज्य में कोई गठबंधन कारगर नहीं हो सकता है।
मायावती ने दिए ये संकेत
इन सबके बीच मायावती के कुछ फैसलों से यह संकेत मिल रहे हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर किसी संभावित गठबंधन का वह और उनकी पार्टी हिस्सा नहीं होंगी। चाहे नई संसद के उद्घाटन का फैसला हो या हाल ही में विधान परिषद की सीटों पर हुए उपचुनाव को लेकर सपा पर आरोप लगाने की बात, दोनों ही मुद्दों पर ही बसपा की प्रतिक्रिया से यह संकेत मिल रहे हैं कि वह गठबंधन में शामिल होने के लिए इच्छुक नहीं है।
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