ब्लड प्रेशर लो क्यों होता है ? जानिए इसके लक्षण व बचाव
Sandesh Wahak Digital Desk : स्वस्थ्य शरीर के लिए ब्लड प्रेशर का हेल्दी लेवल बनाए रखना ज़रूरी होता है। ब्लड प्रेशर का ज्यादा या कम होना, दोनों ही शरीर के लिए बड़ी समस्या बन सकता है। लो ब्लड प्रेशर की वजह से आप गंभीर समस्याओं के शिकार हो सकते हैं।
बीपी लो होने का क्या कारण होता है?
ये कोई भी इंसान को किसी भी कारण से हो सकते हैं जैसे शरीर में पानी की कमी, दवाई का असर, सर्जरी या गंभीर चोट, आनुवंशिक या जेनेटिक, स्ट्रेस लेना, ड्रग्स का सेवन, खान पान की बुरी आदतें, ज्यादा समय तक भूखा रहना या अनियमित खान पान आदि।
बीपी लो होने पर क्या क्या दिक्कत आती है?
- चक्कर आना
- धुंधला दिखाई देना
- उल्टी जैसा होना
- बहुत थकान महसूस होना
- ध्यान लगाने में परेशानी होना
- हाथ-पैरों का ठंडा पड़ना
- सांस लेने में परेशानी होना
लो बीपी कितना होता है –
लो बीपी 90/60 या उससे कम की रीडिंग है। इस दौरान सिस्टोलिक और डायस्टोलिक दोनों रीडिंग पर ध्यान दिया जाना चाहिए और बीपी कंट्रोल करना चाहिए।
लो बीपी के लक्षण
- हाइपोवोल्मिया
हाइपोवोल्मिया, वो स्थिति है जिसमें शरीर के अंदर तरल पदार्थों की कमी हो जाती है। इस दौरान, शरीर खून को उस प्रेशर से सर्कुलेट नहीं कर पाता है और बीपी लो रहता है। ये स्थिति पानी की कमी के कारण भी हो सकती है। दरअसल, जब शरीर में तरह पदार्थों की कमी रहती है तो सोडियम लेवल कम होने लगता है और बीपी लो हो जाता है।
- खून की कमी के कारण
खून की कमी के कारण भी आप लो बीपी के शिकार हो सकते हैं। जी हां, अगर आपको एनीमिया है या फिर आप खून की कमी के शिकार हैं तो आप लो बीपी के शिकार हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में शरीर में खून की कमी को दूर करें और खून बढ़ाने वाली चीजों का सेवन करें।
- दवाओं और असंतुलित टेंपरेचर के कारण
दवाओं और असंतुलित टेंपरेचर की वजह से आप लो बीपी के शिकार हो सकते हैं। दरअसल, होता ये है कि इस स्थिति में जब शरीर किसी जवा को ले रही होती है तो बॉडी में एक प्रकार का रिएक्शन होता है और बीपी लो हो जाता है। इसके अलावा असंतुलित टेंपरेचर की वजह से दिल के काम काज और ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है और आप लो बीपी के शिकार हो सकते हैं।
लो ब्लड प्रेशर को तुरंत कंट्रोल कैसे करे?
- हेल्दी बॉडी के लिए ब्लड प्रेशर का हेल्दी लेवल मेंटेन करना ज़रूरी होता है।
- पर्याप्त नमक खाएं।
- भरपूर पानी पीएं ।
- छोटे-छोटे फूड मील्स का सेवन करें।
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