संपादक की कलम से: Punjab पर चौकन्ना रहने की जरूरत
सीमावर्ती राज्य पंजाब (Punjab) में पिछले दो साल से हालात खराब होते जा रहे हैं। सीमा पार से भेजे जा रहे हथियार और ड्रग्स के साथ खालिस्तानी और पाक समर्थित आतंकियों की सक्रियता तेजी से बढ़ी है।
Sandesh Wahak Digital Desk: सीमावर्ती राज्य पंजाब (Punjab) में पिछले दो साल से हालात खराब होते जा रहे हैं। सीमा पार से भेजे जा रहे हथियार और ड्रग्स के साथ खालिस्तानी और पाक समर्थित आतंकियों की सक्रियता तेजी से बढ़ी है। पुलिस थानों पर हमले किए जा रहे हैं। यही नहीं पुलिस को खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के सहयोगी को थाने से छोडऩे पर मजबूर होना पड़ा और अब एक बार फिर अमृतसर स्थित स्वर्णमंदिर के पास एक सप्ताह के भीतर तीन धमाके किए गए। हालांकि पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है लेकिन इन सारे घटनाक्रमों से पंजाब की बिगड़ती स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।
सवाल यह है कि…
- पंजाब (Punjab) में खालिस्तानी समर्थक अचानक कैसे सक्रिय हो गए?
- ड्रोन के जरिए हथियार और ड्रग्स किसे भेजे जा रहे हैं?
- क्या पाकिस्तान में बैठे खालिस्तानी आतंकवादियों के आकाओं के इशारे पर यह सब किया जा रहा है?
- स्वर्ण मंदिर के पास धमाके करने के पीछे की मंशा क्या है?
- क्या छोटे-छोटे धमाकों के जरिए आतंकी पुलिस की चुस्ती-फुर्ती की जांच कर रहे हैं या किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए उनका ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं?
- क्या अमृतपाल की गिरफ्तारी से खालिस्तानी समर्थकों और आतंकियों के स्लीपर सेल निष्क्रिय हो जाएंगे?
पाकिस्तान रच रहा ‘नापाक’ साज़िश
जम्मू-कश्मीर में धारा 370 की समाप्ति और सेना की सक्रियता के कारण पाकिस्तान के हुक्मरान, सेना और आतंकी संगठनों ने अब सीमावर्ती राज्य पंजाब (Punjab) में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। इनको न केवल स्थानीय अपराधियों बल्कि यहां पनप रहे खालिस्तानी समर्थकों का समर्थन मिल रहा है। इसके अलावा पाकिस्तान के आतंकी संगठनों ने यहां अपने स्लीपर सेल भी विकसित कर लिए हैं। ‘वारिस पंजाब दे’ के मुखिया अमृतपाल सिंह के तार भी विदेशों में बैठे खालिस्तानी आतंकवादियों के संगठनों से जुड़े मिले हैं। माना जा रहा है कि इसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ने प्रशिक्षित कर पंजाब में अशांति फैलाने और स्थानीय युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए भेजा था।
Punjab लगातार अपनी जड़ें फैला रहें हैं आतंकी
इतना ही नहीं आतंकी संगठनों और स्थानीय अपराधियों की साठगांठ के सबूत एनआईए को मिले हैं और इसके आधार पर जांच एजेंसी लगातार छापेमार कार्रवाई भी कर रही है। ये स्थितियां यह बताने के लिए काफी है कि पंजाब में आतंकियों ने अपनी जड़ें फैला ली हैं और वे बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं। सीमा पार से ड्रोन के जरिए भेजे जा रहे हथियार और गोला-बारूद भी इसकी पुष्टि कर रहे हैं। स्वर्णमंदिर में पास किए गए धमाके खतरे का संकेत दे रहे हैं।
हालांकि जांच के बाद ही पता चल सकेगा कि इनके तार किससे जुड़े हैं और किसके इशारे पर यह सब किया गया।
जाहिर है राज्य सरकार, सेना और पुलिस बल को पंजाब के हालात को देखते हुए बेहद चौकन्ना रहने की जरूरत है। साथ ही जांच एजेंंसियों को यहां फैले स्लीपर सेल को चिन्हित कर इनका सफाया करना होगा वरना सीमावर्ती राज्य में अशांति फैलते देर नहीं लगेगी।
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