Smart City के अधूरे प्रोजेक्ट बिगाड़ रहे लखनऊ की सूरत, तय समय में पूरी नहीं हुईं 38 योजनाएं

केंद्र सरकार की सख्ती के बावजूद राजधानी लखनऊ में स्मार्ट सिटी (Smart City) योजना के कार्यों की रफ्तार सुस्त है।

Sandesh Wahak Digital Desk: केंद्र सरकार की सख्ती के बावजूद राजधानी लखनऊ में स्मार्ट सिटी (Smart City) योजना के कार्यों की रफ्तार सुस्त है। समय से कार्य पूरे न होने और अधूरे पड़े कार्यों के चलते शहर की तस्वीर बिगड़ती जा रही है। तमाम कार्य ऐसे हैं जिसके पूरा न होने पर आम जनता और राहगीरों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।

स्मार्ट सिटी योजना में करीब 400 करोड़ के 38 प्रोजेक्ट अधूरे हैं। केन्द्र सरकार ने जून 2022 में आदेश जारी किया था कि लखनऊ स्मार्ट सिटी के कार्य जून 2023 तक पूरे कर लिए जाएं। लेकिन जिन फर्मों को स्मार्ट सिटी (Smart City) के कार्यों की जिम्मेदारी मिल है, वो अब प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए और समय की मांग कर रही हैं। जिसकी वजह से प्रोजेक्ट की लागत बढऩे की संभावना नजर आने लगी है।

Smart City

विभागों के बीच नजर आ रही तालमेल की कमी

योजना से जुड़े अफसरों का यह भी कहना है कि योजना कई विभागों के आपसी समन्वय से चल रही है ऐसे में तालमेल में कमी होने के चलते दिक्कतें आ रही हैं। इस योजना में एलडीए, नगर निगम, जल संस्थान, जल निगम, लोक निर्माण विभाग, बिजली, परिवहन, प्रोजेक्ट कॉरपोरेशन, राजकीय निर्माण निगम सहित कई विभाग शामिल हैं। इनके बीच बेहतर तालमेल न होने के कारण प्रोजेक्ट लेट हो रहे हैं।

अफसरों को फटकार लगा चुकी हैं रोशन जैकब

स्मार्ट सिटी की मुखिया (Head of Smart city)और बोर्ड की अध्यक्ष मण्डलायक्त रोशन जैकब भी यह मामला उठा चुकी हैं। मण्डलायुक्त कई बार समीक्षा बैठक में अफसरों को फटकार भी लगा चुकी हैं। उसके बाद भी सुधार न होने से योजना के काम समय से पूरे नहीं हो सके।

सेवानिवृत्त अभियंता को सौंपी जिम्मेदारी

स्मार्ट सिटी योजना के कामों की धीमी रफ्तार को लेकर तीन महीने में लखनऊ स्मार्ट सिटी कंपनी के दो महाप्रबंधक बदले गए हैं और अब स्मार्ट सिटी की कमान सेवानिवृत्त अधिशासी अभियंता एसके जैन को एक महीने पहले दी गई है। करीब दो साल पहले सेवा के दौरान जैन स्मार्ट सिटी के महाप्रबंधक रह भी चुके हैं। काम में तेजी लाने को लेकर ही शासन की ओर से उनकी तैनाती की गई है। इन्हें योजना का काफी अनुभव है।

प्रोजेक्ट पूरे करने के लिए केंद्र सरकार से समय की मांग की गई थी, एक साल में सभी प्रोजेक्ट पूरे करने का समय मिला है। तय समय में प्रोजेक्ट पूरे हों इसके लिए सभी को दिशा निर्देश दिए जा चुके हैं।
पंकज सिंह (अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, स्मार्ट सिटी)

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