Crime in Uttar Pradesh: यूपी पुलिस के लिए अब भी चुनौती हैं 63 माफिया
प्रदेश पुलिस की ओर से जारी सूची में शामिल चार माफिया फरार हैं, जबकि 20 माफिया जमानत पर और 38 अन्य राज्य की विभिन्न जेलों में कैद हैं।
Sandesh Wahak Digital Desk: पश्चिमी उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कुख्यात माफिया अनिल दुजाना के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के बाद पुलिस की घोषित माफिया सूची में एक और नाम कम हो गया है, लेकिन अब भी उसमें (सूची में) शामिल 63 माफिया प्रदेश पुलिस के लिए चुनौती बने हुए हैं। पुलिस के अनुसार, उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से जारी सूची में शामिल चार माफिया फरार हैं, जबकि 20 माफिया जमानत पर हैं और 38 अन्य राज्य की विभिन्न जेलों में कैद हैं। एक माफिया को पंजाब पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया।
विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा, पुलिस सभी पर नजर रखे हुए है और किसी को भी कानून-व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने की छूट नहीं दी जाएगी। प्रशांत कुमार ने कहा, यूपी (Uttar Pradesh) के फरार माफिया की गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग कई टीम काम कर रही हैं। जमानत पर रिहा माफिया की भी सभी गतिविधियों पर पुलिस की नजर है, पुलिस समय-समय पर उनका सत्यापन करती रहती है।
योगी सरकार द्वारा जारी टॉप माफियाओं की सूची
जहां तक सूची में शामिल फरार माफिया की बात है, तो मेरठ जिले का ढाई लाख का इनामी कुख्यात बदन सिंह उर्फ बद्दो करीब चार वर्षों से चुनौती बना हुआ है। इसके अलावा एक लाख रुपये का इनामी खनन माफिया हाजी इकबाल उर्फ बाला भी फरार है। माफिया की घोषित सूची में मेरठ का विनय त्यागी और प्रयागराज का जावेद उर्फ पप्पू भी अभी पुलिस के हाथ नहीं आ सका है।
जमानत पर रिहा अंबेडकरनगर के अजय प्रताप सिंह उर्फ अजय सिपाही, मुजफ्फरनगर के सुशील मूंछ, प्रतापगढ़ के अनूप सिंह एवं प्रदीप उर्फ डब्बू सिंह, गोरखपुर के सुधीर सिंह, राकेश यादव और विनोद उपाध्याय, कानपुर के सऊद अख्तर, लखनऊ के बच्चू यादव तथा प्रयागराज के राजेश यादव, कमरुल हसन और जाबिर हुसैन जैसे अपराधियों के अलावा पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह (वाराणसी) और पूर्व एमएलसी संजीव द्विवेदी उर्फ रामू द्विवेदी (देवरिया) जैसे नाम भी शामिल हैं।
जेल में कैद माफिया में पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी, पूर्व सांसद रिजवान जहीर, त्रिभुवन सिंह, सुंदर भाटी, अमित कसाना और सुभाष ठाकुर जैसे 38 नाम शामिल हैं।
आधिकारिक तौर पर कुछ दिनों पहले पुलिस ने 66 माफिया की एक सूची जारी की थी, जिसमें तीन मारे जा चुके हैं। इनमें गैंगस्टर से नेता बने पूर्व सांसद अतीक अहमद, आदित्य राणा उर्फ रवि और अनिल दुजाना शामिल हैं।
पुलिस की उड़ी है नींद
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अपराध जगत की समझ रखने वाले जानकारों का कहना है कि सूचीबद्ध फरार माफिया के कारण तो पुलिस की नींद उड़ी ही है, जमानत पर चल रहे माफिया भी पुलिस के लिए कम सिरदर्द नहीं हैं। गैंगवार से लेकर उनके गिरोह की आपराधिक गतिविधियों का खतरा हमेशा बना रहता है।
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