टी20 की बढ़ती लोकप्रियता से घबराए Ravi Shastri, ODI के लिये कही बड़ी बात
भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) का मानना है कि दुनिया भर में टी20 लीगों की बढ़ती संख्या से द्विपक्षीय क्रिकेट खासकर वनडे प्रारूप को नुकसान हो रहा है।
Sandesh Wahak Digital Desk: भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) का मानना है कि दुनिया भर में टी20 लीगों की बढ़ती संख्या से द्विपक्षीय क्रिकेट खासकर वनडे प्रारूप को नुकसान हो रहा है। रवि शास्त्री का कहना है कि सभी फ्रेंचाइजी का झुकाव खिलाडिय़ों को दीर्घकालिन अनुबंध देने पर है। शास्त्री ने कहा कि क्रिकेट फुटबॉल की राह पर जा रहा है और भविष्य में खिलाड़ी सिर्फ वैश्विक टूर्नामेंट (global tournament) ही खेलना चाहेंगे।
शास्त्री (Ravi Shastri) ने ईएसपीएन क्रिकइन्फो से कहा, मैने हमेशा कहा है कि द्विपक्षीय श्रृंखलाओं को नुकसान होगा। दुनिया भर में जिस तरह से लीग की संख्या बढ रही है, यह फुटबॉल की राह पर जा रहा है।
उन्होंने कहा, टीमें विश्व कप (World Cup) से पहले एकत्र होंगी, थोड़ा बहुत द्विपक्षीय क्रिकेट खेलेंगी, क्लब टीमों को छोड़ेंगे जो विश्व कप खेलेंगे। आपको पसंद आये या नहीं लेकिन ऐसा ही होगा। उन्होंने कहा, मुझे इसमें कोई बुराई नहीं लगती। लेकिन 50 ओवरों के क्रिकेट (ODI) को नुकसान होगा। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों के देश के लिये खेलने पर क्लब को तरजीह देने के बारे में उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यह चलन और बढ़ेगा।
उन्होंने कहा, देश में एक अरब 40 करोड़ लोग (one billion 400 million people) हैं और सिर्फ 11 ही देश के लिये खेल सकते हैं। फिर बाकी क्या करेंगे। उन्हें इस फ्रेंचाइजी क्रिकेट (franchise cricket) के जरिये दुनिया भर में खेलने का मौका मिल रहा है तो वह क्यो नहीं खेलेंगे। यह उनकी आजीविका है।
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