महाठग का जाल: करोड़ों की मनी लॉन्ड्रिंग के बावजूद शेरपुरिया पर ED मेहरबान
महाठग संजय शेरपुरिया का तिलस्मी मायाजाल न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि देशभर की सुर्खियों में है।
Sandesh Wahak Digital Desk: महाठग संजय शेरपुरिया का तिलस्मी मायाजाल न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि देशभर की सुर्खियों में है। संजय शेरपुरिया के उच्चस्तरीय सम्पर्कों को दर्शाने वाली तस्वीरों में प्रधानमंत्री मोदी लेकर गृह मंत्री अमित शाह समेत कई केंद्रीय मंत्री और यूपी के मंत्री हैं।
इन्ही सम्पर्कों का नाम लेकर शेरपुरिया ने न सिर्फ करोड़ों की काली कमाई की है बल्कि कई एजेंसियों में जारी जांचों से खिलवाड़ करके मोटा पैसा देने वालों को क्लीनचिट भी दिलवाई है। एसटीएफ की शुरूआती पड़ताल में हैरतअंगेज जानकारियां सामने आने के बावजूद अभी तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग की ईसीआईआर भी नहीं दर्ज की है।
तकरीबन साढ़े तीन सौ करोड़ के लोन में एसबीआई ने शेरपुरिया को बैंक डिफाल्टर घोषित किया है। आखिर इतनी बड़ी रकम किन कंपनियों के सहारे खपाई गयी है। ये बड़ा सवाल है। शेरपुरिया ने 52 कंपनियों और 253 ईमेल आईडी के सहारे वसूली के इस साम्राज्य को आगे बढ़ाया था। दिल्ली के उद्योगपति गौरव डालमिया से मिले छह करोड़ में से कुछ करोड़ दो अफसरों के खातों में इस महाठग ने भेजे थे। जिस जांच को मैनेज करना था, वो ईडी (ED) में जारी थी। इसके बावजूद ईडी ने पीएमएलए एक्ट को देखते हुए अभी तक मनी लॉन्ड्रिंग का केस नहीं दर्ज किया है।
ED अभी भी मूकदर्शक की भूमिका में
केस दर्ज करते ही शेरपुरिया किन अफसरों और नेताओं के खातों में वसूली गयी रकम भेजता था। इसका खुलासा होने पर तमाम एजेंसियों के दिग्गज भी लपेटे में आएंगे। इसीलिए ईडी (ED) भी अभी सिर्फ मूक दर्शक की भूमिका में है। आरएसएस प्रमुख से लेकर भाजपा के कई दिग्गजों को देखते हुए एजेंसियां अभी इस मामले में फूंक फूंक कर कदम रख रही हैं। हालांकि एसटीएफ के साथ आईबी भी इस प्रकरण में पहले से सक्रिय थी।
गुजरात और यूपी में शेरपुरिया के हैं दर्जनों खातें
यूपी के अफसरों और नेताओं की धडक़ने भी तेज हैं। इनसे भी संजय के तार जुड़े हैं। उसके दर्जनों खातें गुजरात के बाद यूपी में ही सबसे ज्यादा हैं। संजय शेरपुरिया और फर्जी कंपनियों के सहारे बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग को अंजाम दिया गया है। ईडी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक एसटीएफ की चार्जशीट के बाद मनी लॉन्ड्रिंग की एफआईआर एजेंसी द्वारा दर्ज की जा सकती है।
6 दिन की पुलिस रिमांड पर शेरपुरिया
पीएमओ और मंत्रियों का खुद को करीबी बताकर ठगी करने के आरोपी संजय राय उर्फ संजय शेरपुरिया को अदालत ने छह दिन की पुलिस रिमांड पर दे दिया है। विशेष सीजेएम की कोर्ट में दाखिल एसटीएफ की अर्जी में शेरपुरिया की दस दिन की रिमांड मांगी गई थी।
अर्जी में कहा गया था कि शेरपुरिया से उसके संपर्कों के बारे में पूछताछ करनी है। लोगों से धोखाधड़ी में उसके साथ शामिल लोगों के विषय में जानकारी करने के साथ ही महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्र किए जाने हैं। आरोपी को बरामदगी के लिए विभिन्न जगहों पर ले जाना है। राय कई सालों से विभिन्न नामों और कंपनियों के जरिये धोखाधड़ी कर धन उगाही कर रहा है। बैंक से डिफाल्टर है। उसने फर्जी आईडी पर कंपनियां रजिस्टर करवाकर पैसों का लेनदेन किया। सरकार व बड़े अधिकारियों तक अपनी पहुंच बताकर लोगों से धन उगाही की। मनी लॉन्ड्रिंग, हवाला और टैक्स चोरी जैसे काम भी करता है। पीएम समेत तमाम बड़ी हस्तियों के साथ अपनी फोटो को बिना अनुमति के पोस्ट कर लोगों को भ्रमित कर ठगी की।
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