Wrestler Protest : पहलवानों के आरोपों पर बोले बृजभूषण सिंह, इस साजिश के पीछे इनका हाथ
Sandesh Wahak Digital Desk: पिछले एक सप्ताह से धरने पर बैठे पहलवानों ने रविवार को इन आरोपों को खारिज किया कि वे भारतीय कुश्ती महासंघ पर कब्जा करना चाहते हैं। जबकि WFI के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने कांग्रेस नेता दीपेंदर हुड्डा और पहलवान बजरंग पूनिया पर उनके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया।
महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे सिंह ने आरोप लगाया कि विपक्षी दल पहलवानों को पट्टी पढा रहा है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की प्रदर्शन से खुद को अलग रखने के लिये तारीफ करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष सच के साथ हैं।
प्रदर्शनकारी पहलवानों ने रविवार को फिर से धरना शुरू करके मांग की कि केंद्र द्वारा गठित समिति की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की जाये। दिल्ली पुलिस ने भाजपा सांसद सिंह के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की है जिनमें से एक पोस्को कानून के तहत दर्ज की गई है । सिंह डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष पद पर पिछले 12 साल से काबिज हैं और फिर पदाधिकारी बनने के अयोग्य हैं। सिंह ने दावा किया कि पहलवान कुश्ती महासंघ पर नियंत्रण चाहते हैं और सिर्फ फोगाट परिवार इसके पीछे है।
पूरी साजिश कांग्रेस नेता दीपेंदर हुड्डा और पहलवान बजरंग पूनिया की
बजरंग ने इस पर पलटवार करते हुए कहा डब्ल्यूएफआई में होने के लिये प्रदेश संघ का सदस्य बनना पड़ता है। हम डब्ल्यूएफआई पर नियंत्रण नहीं चाहते। उनका बेटा उत्तर प्रदेश संघ का अध्यक्ष है और सचिव उनके बेटे का साला है। उनका दामाद भी प्रदेश संघ का सदस्य है। वह हम पर परिवारवाद का आरोप लगा रहे हैं जबकि असल में स्थिति उलट है।
सिंह ने उत्तर प्रदेश के विश्नोहरपुर में अपने आवास पर पत्रकारों से कहा ,‘‘ यह पूरी साजिश कांग्रेस नेता दीपेंदर हुड्डा और पहलवान बजरंग पूनिया की है । हमारे पास एक आडियो है जो इसे साबित करता है और समय आने पर हम इसे दिल्ली पुलिस को देंगे ।’’
उधर पूनिया ने जंतर मंतर पर मीडिया से बातचीत में संकेत दिया कि सिंह के गिरफ्तार होने पर धरना बंद किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ‘अगर वह गिरफ्तार होता है तो हम अपने खाप नेताओं और हमारा समर्थन कर रहे बाकी लोगों से बात करेंगे । उसके बाद देखते हैं कि क्या करना है’। प्रदर्शनकारी पहलवानों ने मीडिया पर खिलाड़ियों की बजाय सिंह का समर्थन करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अखबारों को सिंह को बोलने के लिये मंच नहीं देना चाहिये।
सांसद बनने से अधिक कठिन ओलंपिक पदक जीतना
बजरंग ने कहा कि मीडिया खिलाड़ियों से ज्यादा बृजभूषण का समर्थन कर रहा है। उसका आपराधिक रिकॉर्ड देखो। क्या यहां बैठे या दूसरे खेलों के किसी खिलाड़ी का आपराधिक रिकॉर्ड है। उन्होंने यह भी कहा कि देश में सांसद बनने से अधिक कठिन ओलंपिक पदक जीतना है।
उन्होंने कहा कि खिलाड़ी देश के लिये पदक जीतते हैं और वह पदक विजेताओं पर सवाल उठा रहे हैं। देश में कितने व्यक्ति सांसद बनते हैं और कितने ओलंपिक पदक जीतते हैं। अभी तक मुश्किल से 40 ओलंपिक पदक विजेता हैं और हजारों सांसद हैं ।’’
दो बार विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता विनेश फोगाट ने कहा कि पहलवानों के आरोप राजनीति से प्रेरित होने का सिंह का दावा निराधार है । उन्होंने कहा हम कोई राजनीति नहीं कर रहे। हम दिल से बोलते हैं और यही वजह है कि यहां इतने लोग हमारे साथ बैठे हैं।
उन्होंने मीडिया से सिंह को जगह नहीं देने की अपील करते हुए कहा ,‘‘ आप ऐसे अपराधी को मंच कैसे दे सकते हैं। अपने आप से पूछिये। अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो आधी समस्या खुद ब खुद खत्म हो जायेगी। ये आदमी मुस्कुराकर बोले जा रहा है । इसका अहंकार रावण से भी बड़ा है ।’’
विनेश ने कहा कि अगर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद यह निर्दोष साबित हो गया तो आप इसे फूलों के हार पहनायेंगे। अभी भी पहनाये जा रहे हैं। उसने क्या किया है। हम पदक जीतते हैं तो हमें हार पहनाये जाते हैं। उसने महिला खिलाड़ियों का शोषण किया है और उसे सम्मानित किया जा रहा है। मेरा अनुरोध है कि उसे मंच नहीं दे।
बिजली और पानी की आपूर्ति काटने का आरोप
पहलवानों ने अधिकारियों द्वारा सहयोग नहीं किये जाने की शिकायत करते हुए रात में बिजली और पानी की आपूर्ति काटने का आरोप लगाया था।
यह पूछने पर कि क्या अब हालात बेहतर हैं, विनेश ने कहा कि क्या आप यहां रात में रूकते हैं। मेरा अनुरोध है कि आप रात में रूके और फिर मैं आपसे पुछूंगी कि प्रशासन कितनी मदद कर रहा है।
कांग्रेस, वामपथी दल, तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने पहलवानों का समर्थन किया है । प्रदर्शन स्थल पर भारतीय राष्ट्रीय लोकदल के नेता अभय चौटाला, जद (यू) नेता के सी त्यागी और भीम सेना के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद भी रविवार को पहुंचे ।
सिंह ने पीटीआई से कहा कि ‘मैं समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव को धन्यवाद देना चाहता हूं जो प्रदर्शनकारी पहलवानों के साथ नहीं खड़े हैं। मैं उन्हें बचपन से जानता हूं और उनसे बड़ा हूं। हमारे बीच राजनीतिक मतभेद भले ही हों लेकिन अखिलेश सच जानते हैं।
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